कासगंज: निशुल्क एंबुलेंस सेवा का बना मजाक, मरीज पहुंचाने के नाम पर ठगी
आशा कार्यकर्ता और मरीज के परिजनों ने उच्च अधिकारियों से की शिकायत
कासगंज, अमृत विचार। जिले में निशुल्क सरकारी एंबुलेंस सेवा मजाक बन कर रह गई है। एंबुलेंस कर्मचारी मनमानी कर रहे हैं। मरीज को अस्पताल तक पहुंचाने की एवज सुविधा शुल्क मांग रहे हैं। रेफर किए गए मरीज को सरकारी जिला अस्पताल ले जाने के लिए रास्ते में 500 रूपये मांगे, मना करने पर तीमारदार और मरीज को रास्ते में ही उतारने की धमकी दी। मामले में शिकायत उच्च अधिकारियों से की गई है।
मामला अमांपुर स्वास्थ्य केंद्र से जुड़ा हुआ है। शिकायतकर्ता के अनुसार जिला अस्पताल रेफर किए मरीज से मांगें रुपये न देने पर रास्ते मे उतारने की धमकी दी गई। बीमार महिला को अमांपुर से कासगंज रेफर किया गया। रास्ते में 500 रूपये मांगे।
महिला के साथ गांव की आशा कार्यकर्ता भी थी। उन्होंने भी एंबुलेंस कर्मियों से अनुरोध किया कि निशुल्क सेवा है ऐसे में सुविधा शुल्क का दबाव न बनाया जाए, लेकिन आरोप है कि स्वास्थ्य कर्मियों ने मानमानी और मरीज को रास्ते में ही उतारने की धमकी दी। आशा मीना द्वारा जब इसकी शिकायत उसके जिला प्रभारी सुनील गंगवार से की गई तो वह भी इसका कोई जवाब नहीं दे पाए।
इधर महिला मरीज के पति सुभाष ने भी उच्च अधिकारियों से शिकायत की है, लेकिन अभी कोई कार्यवाही नहीं हुई है। आशा कार्यकर्ता ने अमांपुर के स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी को भी फोन पर शिकायत दर्ज कराई है। इधर अधिकारी भी कुछ भी कहने से बच रहे हैं। आशा का आरोप है कि एंबुलेंस कर्मी आशाओं पर फर्जी डाटा रिकार्ड दिखाने का दबाव बनाते हैं।
किसान यूनियन ने भी शिकायत
भारतीय किसान यूनियन स्वराज के प्रदेश उपाध्यक्ष आशीष मिश्रा ने सभी साक्ष्य के साथ या दावा किया है के एंबुलेंस संस्था जनपद में ही नहीं पूरे उत्तर प्रदेश में बहुत बड़ा घोटाला कर रही है। उनका कहना है कि इस मामले की जांच उच्च अधिकारियों से की गई है। जरूरत पड़ने पर आंदोलन भी करेंगे।
मामला अभी मेरे संज्ञान में नहीं आया है। कोई शिकायत मिलेगी तो इसकी जांच कराई जाएगी। यदि किसी ने सुविधा शुल्क मांगा है तो जांच के बाद आरोपियों पर कार्यवाही होगी - डा. राजीव कुमार अग्रवाल, सीएमओ।
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