रुद्रपुर: 150 CCTV कैमरों ने खोली साइकिल लुटेरे गैंग की पोल

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Published By Bhupesh Kanaujia
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मनोज आर्या, रुद्रपुर, अमृत विचार। बेहद ही निर्धन वेशभूषा और निरक्षर से दिखने वाले साइकिल लूट गिरोह का जब पर्दाफाश हुआ तो पुलिस के अधिकारी भी हैरान रहे गए। कारण जब पुलिस की तफ्तीश टीम ने घटनास्थल से लेकर मुख्य मार्ग के सीसीटीवी कैमरों को खंगाला तो सामान्य व साधारण सी घटना, बेहद ही शातिराना अंदाज में होने वाली लूट की घटना निकली। जब पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ हुई तो दोनों आरोपियों ने उत्तराखंड, दिल्ली और यूपी में कई घटनाओं को अंजाम देने की बात बता चुके थे। 

कोतवाल धीरेंद्र कुमार ने बताया कि जब व्यापारी द्वारा लूट की घटना को बयां किया तो वारदात सामान्य से प्रतीत हो रही थी। जब पुलिस ने नैनीताल-दिल्ली हाईवे पर लगे 150 कैमरों को खंगाला तो पाया कि जिस वक्त व्यापारी से लूट की वारदात हुई। उससे पहले ही अफजाल, अकिल, अमान और आफताफ कुछ ही दूरी पर खड़े होकर बातचीत कर रहे थे। जब साइकिल से व्यापारी को टक्कर मारी चारों आरोपी एक ही स्थान पर एकत्रित हो गए। वहीं वारदात को अंजाम देने के बाद चारों पुन:वार्ता कर आपस में लूटी गई रकम का बंटवारा कर निकल गए।

सीसीटीवी कैमरों में कैद पूरी कहानी की पड़ताल की गयी तो सामान्य एवं साधारण से दिखने वाली घटना ने साइकिल से टक्कर मारकर लूट की वारदात करने वाले गिरोह को बेनकाब करने में सहायक हुई। पूछताछ में दोनों आरोपियों ने बताया कि गिरोह में शामिल महज चार लोगों ने दिल्ली, हल्द्वानी ,रुद्रपुर के अलावा यूपी के कई स्थानों में इसी शातिराना व अनोखे अंदाज में लूट की वारदात को अंजाम दिया है। बावजूद अभी तक किसी भी थाने में लूट की कोई रिपोर्ट नहीं हुई है। कोतवाल ने बताया कि पुलिस ने यूपी के सभी थानों से गिरोह का आपराधिक इतिहास मांगा है। जांच के बाद पुलिस पूरे नेटवर्क की संख्या को चिह्नित करेगी।

 

गिरोह के चारों आरोपी है आपसी रिश्तेदार

रुद्रपुर। कोतवाली पुलिस द्वारा साइकिल लूट गिरोह का पर्दाफाश करने के बाद पता चला है कि अफजाल, अमान और आफताफ लाइन नंबर-13 आजाद नगर बनभूलपुरा हल्द्वानी जनपद नैनीताल के रहने वाले हैं। इसमें से अमान और आफताफ सगे भाई है, मगर अकिल मुरादाबाद का रहने वाला है। ऐसे में पुलिस का अनुमान है कि पकड़े गए दोनों आरोपी और फरार चल रहे दोनों भाई कहीं न कहीं आपस में रिश्तेदार हैं। जिसकी प्रारंभिक पड़ताल में पुष्टि भी हो चुकी है। 

 

बेहद ही सामान्य दिखती थी लूट की वारदात

रुद्रपुर। कोतवाली पुलिस के खुलासे में पता चला कि गिरोह के अकिल,अमान और आफताफ बाजार, सब्जी मंडी या फिर ऐसे स्थानों की रेकी करते थे। जहां लोग खरीदारी करते हों। उस वक्त तीनों आरोपी व्यक्ति को चिह्नित करते थे जो जेब से पैसों की गड्डी निकाल रहा हो या फिर पेट की जेब ढीली कर रहा हो। जब शिकार चिह्नित हो जाता था तो आते वक्त अफजाल पीछे से साइकिल से टक्कर मारकर जेब से रकम निकाल लेता था। अगर उसमें विफल हुआ तो तीनों आरोपी अचानक आते और साइकिल सवार से धक्का मुक्की कर हाथापाई करने लगते थे। जिसे देखकर व्यक्ति बीच बचाव करने लगता है और उसी धक्का-मुक्की का फायदा उठाकर गैंग लूट की वारदात को अंजाम दे डालता। पीड़ित इस घटना को या तो सामान्य घटना मानकर भूल जाता था या फिर कानूनी पचड़े में नहीं पड़ता था। मगर रुद्रपुर के व्यापारी राजकुमार ने इसके खिलाफ कदम उठाया और पुलिस ने साइकिल से टक्कर मारकर लूट करने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर दिया।

13 अधिकारी-कर्मचारियों की बनाई गई टीम

रुद्रपुर। अनोखे व साधारण अंदाज के लूट गिरोह का पर्दाफाश करने के लिए एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने तत्काल टीम का गठन करते हुए एसपी क्राइम चंद्रशेखर घोडके, एसपी सिटी मनोज कुमार कत्याल, आईपीएस प्रशिक्षु एवं सीओ सदर निहारिका तोमर को पर्यवेक्षण अधिकारी बनाया। वहीं कोतवाल धीरेंद्र कुमार, एसएसआई केसी आर्या, कमाल हसन, चौकी प्रभारी पंकज महर सहित 11 पुलिसकर्मियों को खुलासे में लगा दिया था। यही कारण था कि पुलिस ने छह दिन के अंदर खुलासा कर दिया। 

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