बढ़ रहा सूक्ष्म जीवों का संक्रमण, microbiologist की है कमी : डॉक्टर कटोच 

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Published By Jagat Mishra
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बीमारी से मरने वाले में 48 फीसदी में सूक्ष्म जीवों से होने वाला संक्रमण 

आगरा, अमृत विचार। सर्दी जुकाम वाले वायरस की तरह से फंगल संक्रमण की लहर आने वाली है। स्टेरायड का अधिक सेवन जानलेवा साबित हो सकता है। बिना किसी चिकित्सीय सलाह दवा लेना खतरनाक है। भारत में बीमारियों से होने वाली मृत्यु में 48 फीसदी कारण सूक्ष्म जीवों से होने वाला संक्रमण है। माइक्रोबयोलाजिस्ट की कमी है, जिससे दूर किया जाना अत्यंत जरुरी है। यह कहना था इंडियन मेडिकल माइक्रोबायोलाजिस्ट की दो दिवसीय कार्यशाला में आईसीएमआर के पूर्व डीजी डा. बीएम कटोच का। 

उन्होंने कहा कि इनफेक्शन होने पर लोगों को सही समय पर सही जांच होने से सही इलाज मिल सके। भारत सरकार के 2024 तक देश को टीबी मुक्त बनाने की योजना के बारे में कहा कि बहुत तेजी से और अच्छे प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सफलता तो मिलेगी लेकिन कितनी इसके नतीजे तो 2025 में पता चल पाएंगे। एसएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ.प्रशान्त गुप्ता ने कहा कि किसी भी बीमारी में इलाज शुरू करने का आधार माइक्रोबॉयोलॉजिस्ट है।

कार्यक्रम में एसएन मेडिकल कालेज माइक्रोबॉयोलजी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ.बीएम अग्रवाल को स्मृति चिन्ह व शॉल ओढ़कर लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार दिया गया। एसजीपीजीआई के डॉ.टीएन ढोल को मरणोपरान्त सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सोविनियर का भी विमोचन किया गया, जिसमें 300 रिसर्च पेपर पब्लिश किए गए हैं।

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