Kanpur News: बिठूर महोत्सव: नृत्य व गायन की प्रस्तुतियां देख सभी हुए रोमांचित, बॉलीवुड गानों पर लोग हुए थिरकने को मजबूर...
कानपुर, अमृत विचार। बिठूर महोत्सव में आज नानाराव पेशवा स्मारक पार्क में क्वीज प्रतियोगिता, कानपुर आर्टिस्ट गीत कार्यक्रम व नृत्यांजलि ग्रुप की टीम ने रागनी श्रीवास्तव के नेतृत्व में गंगा अवतरण पर आधारित नाटक पेश किया, जिसमें बताया गया कि किस तरह भगीरथ के कठिन तप के बाद मां गंगा धरती पर अवतरित हुई। नाटक में नृत्य व गायन के माध्यम से सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दी गईं।
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जिसमें महादेव बने अंजुल प्रजापति, मां गंगा बनी सपना सिंह, भागीरथ बने आनन्द शर्मा, कपिल मुनि बने अंशुल और ब्रम्हा की भूमिका में आशुतोष पाण्डेय नजर आए।
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वहीं रितिका, दीपा, स्वेता, जया, प्रज्ञा व कर्णिका ने शानदार नृत्य पेश किया। इसके पश्चात घूमर गाने व एकल नृत्य "मेरे ढोलना सुन" पर भी आकर्षक प्रस्तुति पेश की गई।
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गायिका ज्योति ठाकुर ने "आज की रात होना है क्या, पाना है क्या", "हर किसी को नहीं मिलता यहाँ प्यार जिन्दगी में, ख़ुशनसीब है वो जिनको मिली बहार जिन्दगी में", "हो एक कन्या कुमारी, हमरी सूरत पे मर गयी हाय, एक मीठी कटारी हमरे दिल मे उतर गई हाय", "लैला मैं लैला, ऐसी हु मैं लैला, हर कोई चाहे मुझसे, मिलना अकेला", "पिया तू अब तो आजा" के गाने पर शानदार प्रस्तुति पेश करके लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया।
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भारती गायक हेमन्त बृजवासी ने मेरे "महबूब कयामत होगी, आज रुसवा तेरी गलियों में मोहब्बत होगी", "मुस्कुराने की वजह तुम हो, गुनगुनाने की वजह तुम हो", जिया जाये न, जाये न पिया रे", " वह लम्हे वह बातें कोई न जाने", "जिन्दा रहने के लिए तेरी कसम, एक मुलाकात जरूरी है सनम", तुम्हे दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी के गाने पर लोगों ने भी खूब डांस किया।
