कुष्ठ रोग छुआछूत की बीमारी नहीं है, घबराएं मत, बस समय से कराएं इलाज: डॉ. जया

कुष्ठ रोग छुआछूत की बीमारी नहीं है, घबराएं मत, बस समय से कराएं इलाज: डॉ. जया

श्रावस्ती, अमृत विचार। राज्य कुष्ठ अधिकारी डॉ. जया देहलवी ने जिले का दौरा कर राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम और 30 जनवरी से 13 फरवरी तक चलाए गए स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान की समीक्षा की। इस मौके पर सिरसिया ब्लॉक के गुलरा अतिथि गृह में उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से अभियान के बारे में जानकारी प्राप्त की साथ ही कुष्ठ रोगियों से मुलाकात कर उनका हालचाल भी लिया।

डॉ. जया देहलवी ने स्वास्थ्य अधिकारियों से कहा कि कुष्ठ रोग छुआछूत की बीमारी नहीं है। समय से जांच और उपचार कराने से कुष्ठ रोग से बचा जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि कोई नया कुष्ठ रोगी चिन्हित होता है तो उसके आसपास के क्षेत्र में रहने वाले लोगों को बचाव की दवा खिलाई जाए। इसके अलावा यदि कहीं से बाल कुष्ठ रोगी और ग्रेड टू के रोगी मिल रहे हैं तो वहां सघन अभियान चला कर बचाव के इंतजाम किये जाएं।

इस मौके पर सीएमओ डॉ. अजय प्रताप सिंह ने उन्हें राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम और स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि मौजूदा समय में जिले में कुल 128 कुष्ठ रोगी हैं और इन सभी का उपचार भी किया जा रहा है। इन्हें समय पर दवाएं तो उपलब्ध कराई ही जा रहीं हैं, साथ ही समय-समय पर इन मरीजों से मुलाकात कर उन्हें स्वास्थ्य की भी जानकारी ली जा रही है।

कुष्ट उन्मूलन की दिलाई गई शपथ

जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ. संत कुमार ने बताया कि स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान के दौरान गांव-गांव में, स्कूल और कॉलेजों में जागरूकता रैली निकाली गईं। इस दौरान कुष्ठ रोग के लक्षणों, इलाज और बचाव के बारे में व्यापक प्रचार प्रसार पर जोर दिया गया। जिलाधिकारी, सीएमओ कार्यालय सहित सभी सीएचसी, पीएचसी व ग्राम पंचायतों में जिलाधिकारी का संदेश पढ़कर सुनाया गया और कुष्ठ उन्मूलन की शपथ दोहराते हुए जन जागरूकता की अपील की गई।

जिला कुष्ठ परामर्शदाता डॉ. अभिषेक श्रीवास्तव ने बताया कि राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जो नये कुष्ठ रोगी मिलते हैं उनके घर के दायें, बायें और सामने के तीन-तीन घरों और उनके परिवार के सभी सदस्यों की सघन स्क्रिनिंग कर उन्हें बचाव की दवा भी खिलाई जाती है। ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रेड टू या बाल रोगी मिलने पर पूरे गांव का सर्वे कर बचाव की दवा खिलाई जाती है और शहरी क्षेत्रों में ऐसी स्थिति में आसपास के दस घरों में बचाव की कार्रवाई की जाती है। 

रोगियों को दी गईं रबर की चप्पल, देखभाल किट

इस मौके पर डॉ. जया देहलवी ने कुष्ठ रोगियों को रबर की चप्पलें, स्वयं देखभाल किट एवं दैनिक उपयोग की वस्तुएं वितरित की। राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के स्वयं सेवक महादेव के सराहनीय प्रयासों के लिए राज्य कुष्ठ अधिकारी एवं सीएमओ ने उन्हें पुरस्कृत कर सम्मानित किया। इस मौके पर सभी सीएचसी अधीक्षक एवं कुष्ठ विभाग के स्वास्थ्य कर्मी मौजूद रहे।

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