पीलीभीत: 16 माह का लंबा इंतजार, वॉचरों के हाथ आया सिर्फ छह माह को मानदेय

पीलीभीत: 16 माह का लंबा इंतजार, वॉचरों के हाथ आया सिर्फ छह माह को मानदेय

पीलीभीत, अमृत विचार: पीलीभीत टाइगर रिजर्व में वन एवं वन्यजीवों की सुरक्षा में लगे वन वॉचरों को आखिकार 16 माह के लंबे इंतजार के बाद छह माह का मानदेय मिल ही गया। हालांकि इन वॉचरों को शेष बचे 10 माह के मानदेय के लिए अभी और इंतजार करना होगा।

पीलीभीत टाइगर रिजर्व की सभी पांच रेंजों में करीब 240 वन वॉचर तैनात है। दिन-रात जंगलों के भीतर अपनी जान जोखिम में डालकर ड्यूटी करने वाले इन वाचरों को मात्र 9,634 रुपए ही प्रति मानदेय दिया जाता है। खास बात यह है कि पीटीआर में स्टाफ की कमी को पूरा करने वाले इन वॉचरों को एक-एक सालबीत जाने के बाद भी वेतन नहीं मिल पाता है। 

वर्तमान में पीटीआर में तैनात वाचर पिछले 16 माह से बिना मानदेय ही ड्यूटी करते आ रहे हैं। अधिकतर वॉचर वेतन न मिल पाने के कारण कर्जे में डूब चुके हैं। इसके अलावा वाचरों की ड्यूटी की कोई सीमा नहीं है। रात-दिन उनको ड्यूटी करना पड़ती है। इधर 16 माह के लंबे इंतजार के बाद प्रोजेक्ट टाइगर फंड से मिली 1.36 करोड़ की धनराशि से इन सभी वॉचरों को छह माह के मानदेय का भुगतान कर दिया गया। इसमें कुछ ऑपरेटर, चालक भी शामिल हैं। अब इन वाचरों को 10 माह के बकाया शेष है। हालांकि विभागीय अफसरों का कहना है कि वाचरों का शेष मानदेय भी जल्द मिलने की उम्मीद हैं।

पीटीआर में तैनात दैनिक कर्मचारियों को छह माह का मानदेय दे दिया गया है। बजट मिलते ही बकाया मानदेय भी दे दिया जाएगा--- नवीन खंडेलवाल, डिप्टी डायरेक्टर, पीटीआर।

यह भी पढ़ें- पीलीभीत: ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी... जिला स्तर पर 106 परियोजनाओं की होगी शुरुआत