नैनीताल: बर्खास्त कर्मचारियों के मामले में जज ने सुनी अधिवक्ता की दलीलें

नैनीताल: बर्खास्त कर्मचारियों के मामले में जज ने सुनी अधिवक्ता की दलीलें

विधि संवाददाता, नैनीताल, अमृत विचार। हाईकोर्ट ने विधान सभा सचिवालय से बर्खास्त कर्मचारियों के मामले पर सुनवाई की। बुधवार को मामले में सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की एकलपीठ ने विधान सभा की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता की दलीलें सुनी। विधान सभा की ओर से कहा गया कि जितनी भी अवैध नियुक्तियां की गई थी उन्हें नियमों के तहत हटाया गया है।

कहा कि नियुक्तियां बिना नियमावली को ध्यान में रखते हुए की गईं थी।  इस मामले में आज (गुरुवार को) याचिकर्ताओं का पक्ष सुना जाएगा। मामले के अनुसार अपनी बर्खास्तगी के आदेश को बबिता भंडारी, भूपेंद्र सिंह बिष्ट, कुलदीप सिंह  व 102  अन्य ने एकलपीठ में चुनौती दी है।

याचिकाओं में कहा गया है कि  विधान सभा अध्यक्ष ने लोकहित को देखते हुए उनकी सेवाएं 27, 28 ,व 29 सितम्बर 2022 को समाप्त कर दी। बर्खास्तगी आदेश मे उन्हें किस आधार पर व किस कारण से हटाया गया, कहीं इसका उल्लेख नही किया गया न ही उन्हें सुना गया, जबकि उन्होंने सचिवालय में नियमित कर्मचारियों की तरह कार्य किया है। कहा कि एक साथ इतने कर्मचारियों को बर्खास्त करना लोकहित नहीं है।

यह आदेश विधि विरुद्ध है। विधान सभा सचिवालय में 396 पदों पर बैक डोर नियुक्तियां 2001 से 2015 के बीच में भी हुई हैं जिनको नियमित किया जा चुका है। याचिकाओं में कहा गया है कि 2014 तक हुई तदर्थ  नियुक्त  कर्मचारियों को चार वर्ष से कम की सेवा में नियमित नियुक्ति दे दी गई लेकिन उन्हें 6 साल बाद भी नियमित नहीं किया जबकि नियमानुसार छः माह की नियमित सेवा करने के बाद उन्हें नियमित किया जाना था। पूर्व में उनकी नियुक्ति को 2018 में जनहित याचिका दायर कर चुनौती दी गयी थी जिसमें कोर्ट ने उनकी नियुक्ति को वैध माना था।