पीलीभीत: हादसे का नहीं कोई डर... ई-रिक्शा को बना दिया लोडर, ट्रैक्टर-ट्रॉली में धड़ल्ले से सफर जारी
पीलीभीत, अमृत विचार: कासगंज में शनिवार को श्रद्धालुओं से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली के तालाब में पलटने की वजह से दुखद हादसा हुआ और 22 लोगों की जान चली गई। इस हादसे के बाद एक बार फिर ट्रैक्टर-ट्रॉली में सवारियां बैठाकर ले जाने पर कार्रवाई को लेकर परिवहन और यातायात पुलिस के जिम्मेदार संजीदगी व सख्ती की बात कह रहे हैं। इन सबके बीच पीलीभीत की बात करें तो हालात यहां भी बदतर बने हुए हैं।
पूर्व में हुए कई हादसों के बाद भी सिस्टम बेपरवाह बना हुआ है। आलम ये है कि ई-रिक्शा लोडर के रुप में सामान ढोने में इस्तेमाल किए जा रहे हैं जबकि टैक्टर ट्रॉली व अन्य लोडर वाहनों में सवारियां ढोई जा रही है। मुख्य मार्गों से गुजरते इन वाहनों पर कार्रवाई करने के नाम पर औपचारिकता निभाई जा रही है।
वैसे तो यातायात व्यवस्था का हाल जिले में लंबे समय से बदतर बना हुआ है। नियमों का पालन कराने की बात हो तो दुपहिया से लेकर बड़े वाहनों तक खुलकर अनदेखी की जा रही है। ट्रैक्टर ट्रॉली में सवारियां बैठाकर सफर को लेकर सख्ती करते हुए चेकिंग के निर्देश पहले से हैं। जुर्माने और सीज करने की कार्रवाई का भी प्रावधान है।
मगर इसका पालन हर बार हादसों के बाद कुछ समय के लिए ही चेकिंग कर आंकड़े दुरुस्त किए जाते हैं और फिर धरातल पर तस्वीर जस की तय बन जाती है। 10 जून 2022 को पीलीभीत में भी श्रद्धालुओं से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली माधोटांडा रोड पर पर पलट गई थी। जिसमें एक मासूम की मौत हुई जबकि 14 लोग गंभीर रुप से घायल हो गए थे। 11 फरवरी 2023 को जहानाबाद क्षेत्र में घरातियों से भरी ट्रैक्टर ट्रॉली अनियंत्रित होकर पलट गई थी। जिसमें वृद्धा समेत दो की मौत हुई जबकि 19 लोग घायल हो गए थे।
जून 2022 असम हाईवे पर पिकअप पेड़ से टकराने के बाद 10 लोगों की जान चली गई थी। इसके अलावा कई अन्य हादसे भी हो चुके हैं। इसी तरह से ई-रिक्शा के संचालन में भी नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। जिलेभर में करीब सात हजार से अधिक ई-रिक्शा दौड़ रहे हैं। इनकी बेतरतीब आवाजाही और पार्किंग से जाम की समस्या तो बनी ही रहती है।
वहीं, सवारियों के बजाए भारी भरकम लोहे का सामान लाने -ले जाने में इस्तेमाल करने पर हादसे का भी डर बना हुआ है। सरिया, पाइप, लोहे का अन्य सामान लादकर भीड़ वाले इलाकों में भी ई-रिक्शा दौड़ते देखे जा सकते हैं। शनिवार को कासगंज में हुए भीषण हादसे के बाद भी सड़कों पर बेपरवाह तस्वीर सामने आई। टनकपुर हाईवे पर गौहनिया चौराहा, डिग्री कॉलेज चौराहा, माधोटांडा, बरेली, बीसलपुर, पूरनपुर समेत अन्य मार्गों पर भी इसी तरह से वाहन दौड़ते रहे।
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