Sankashti Chaturthi 2024: कब है संकष्टी चतुर्थी? ऐसे करें भगवान गणपति की उपासना, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त
Sankashti Chaturthi 2024: किसी भी शुभ कार्य का शुभारम्भ भगवान् गणपति की आराधना के बिना अधूरा माना जाता है। भगवान गणेश जिन्हें बुद्धि और ऐश्वर्य का स्वामी माना जाता हैं, जिनकी उपासना मात्र से भक्तों के सभी संकट नष्ट हो जाते हैं। ऐसे में चतुर्थी के दिन गणेश जी की आराधना से भगवान् गणेश की कृपा मिलती है। फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को द्विजप्रिय चतुर्थी तिथि कहा जाता है। मान्यता है कि इस तिथि के दिन भगवान गणपति की मुहूर्त के अनुसार पूजा-आराधना करने से वह जीवन के समस्त दुःख-संताप मिटा देते हैं।
इस बार फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी मनाई जाएगी। ऐसे में द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी के शुभ मुहर्त में आप भगवान् गणपति की उपासना करें तो आपके सारे कार्य पूर्ण होंगें। तो चलिए जानते हैं इस बार द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी कब मनाई जाएगी और क्या है इसकी पूजा का शुभ मुहूर्त।
संकष्टी चतुर्थी का शुभ मुहूर्त
- इस बार 28 फरवरी 2024 दिन बुधवार को द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी मनाई जाएगी ।
- चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 28 फरवरी 2024 को सुबह 1 बजकर 53 मिनट से शुरू हो जायेगा ।
- वहीं समापन की बात करें तो 29 फरवरी 2024 को सुबह 4 बजकर 18 मिनट पर चतुर्थी तिथि समाप्त हो जाएगी ।
ऐसे करें भगवान गणपति की उपासना
संकष्टी चतुर्थी के दिन प्रातः काल उठे,स्नान करने के बाद पूजा स्थान को साफ करें और फिर उस स्थान पर गंगाजल छिड़कें। फिर भगवान गणपति की प्रतिमा को वस्त्र पहनाकर उनका श्रृंगार कर पूजा स्थल पर दीप जलाए। अब भगवान् गणेश जी को तिलक कर उन्हें पुष्प अर्पित करें। भगवान गणेश को प्रिय 21 दूर्वा की गांठ अर्पित करें। गणेश जी को घी के मोतीचूर के लड्डू या मोदक का मंत्रोचारण के साथ भोग लगाकर भगवान् की आरती करें। अब अंतिम में भगवान् गणपतिजी से क्षमा प्रार्थना करें अंतिम में पूजा में क्षमा प्रार्थना का भी विधान है।
संकष्टी चतुर्थी का महत्व
भगवान् गणेश जो की देवों के देव महादेव यानि शिवजी के पुत्र हैं उन्हें किसी भी कार्य में आ रही बाधा को दूर करने के लिए भी जाना जाता है। अगर किसी को संतान संबंधी समस्याएं, धन और कर्ज जैसी समस्या हो तो इसका भी समाधान होता है। संकष्टी के दिन भगवान् गणेश की अराधना से घर से सभी नकारात्मक प्रभाव दूर हो जाते हैं। हिंदू धर्म में संकष्टी चतुर्थी को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस व्रत को सभी कार्यों में सिद्धि प्राप्ति के लिए अचूक माना गया है। कहा जाता है कि जो व्यक्ति इस दिन व्रत रखता है उसकी संतान संबंधी समस्याएं दूर होती हैं। साथ ही धन और कर्ज संबंधी समस्याओं का भी समाधान होता है।
(नोट- यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। अमृत विचार इसकी सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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