मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना: बीते छह साल में 5425 बेटियों के हाथ हुए पीले, सीएम योगी की यह योजना गरीबों के चेहरे पर ला रही खुशी!

एक हजार से अधिक मुस्लिम बेटियों का भी हुआ निकाह

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना: बीते छह साल में 5425 बेटियों के हाथ हुए पीले, सीएम योगी की यह योजना गरीबों के चेहरे पर ला रही खुशी!

इन शादियों में 21 करोड़ से अधिक का हुआ खर्चा, जनप्रतिनिधियों व अफसरों का भी मिला आर्शीवाद

रीतेश श्रीवास्तव, बाराबंकी। किसी पिता के लिए अपनी बेटी का विवाह कराना एक सपने जैसा होता है लेकिन आर्थिंक तंगी के चलते तमाम पिता इस सपने को पूरा करने में मानिसक रुप से परेशान रहते हैं वहीं कई परिवारों में पिता के न होने से बेटी के विवाह में बाधाएं भी आती है लेकिन प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना काफी कारगर साबित होती दिखी है। 

इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पिछले छह साल के अंदर जिले में पांच हजार से अधिक बेटियों के हाथ पीले हुए है और पिता के कंधे से एक जिम्मादारी कम हुई है। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत इन शादियों पर अब तक करीब 21 करोड़ से अधिक का धनराशि खर्च की गई है। 

समाज में सर्वधर्म-समभाव तथा सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने सामूहिक योजना के तहत गरीब व जरुरतमंद परिवारों की बेटियों के हाथ पीले कराने का जिम्मा अपने हाथों में लेकर वर्ष 2017 में इसकी शुरुआत की थी। 

इसके बाद जिले में एक के बाद एक सामूहिक विवाह कराए गए। तब से लेकर अब तक इन छह सालों के अंदर समाज कल्याण विभाग की देखरेख में 5425 बेटियों के पीले हुए हैं। इनमें वित्तीय वर्ष 2023-24 में 1753 तो 2022-23 में 1137 जोड़ों का विवाह कराया गया था। इससे पहले 2021-22, 2020-21, 2019-20, 2018-19 तथा 2017-2018 में भी लक्ष्य के अनुसार शादियां हुई थीं। 

इन सभी शादियों पर योजना के तहत कुल 21 करोड़ से अधिक की धनराशि खर्च की गई है। करीब तीन साल पहले योजना के तहत प्रति जोड़े पर 35 हजार रुपये की धनराशि निर्धारित की गई थी। जबकि सरकार ने इसमें बढ़ोत्तरी करते हुए प्रति जोड़ा 51 हजार रुपये कर दी थी। इस योजना से जिले के पांच हजार से अधिक बेटियों के हाथ पीले होने से अभिभावकों ने राहत की सांस ली। 

वहीं बेटियों का अच्छा घर व परिवार भी नसीब हो सका। सामूहिक विवाह में मुस्लिम बेटियों का भी उनकी रिति के अनुसार निकाह कराया गया। एक मंच पर मंत्री, सांसद, विधायक समेत कई जनप्रतिनिधि समेत डीएम, सीडीओ की मौजूदगी से दोनों पक्षों के परिजन अभिभूत दिखे। जिला समाज कल्याण अधिकारी एसपी सिंह ने बताया कि योजना पूरी पारदर्शिता से रखी जाती है। अब तक पांच हजार से अधिक बेटियों के हाथ पीले हुए हैं।

रही पूरी पारदर्शिता, आयु पर उठे थे सवाल

योजना की पारदर्शिता के लिए ऑफलाइन आवेदन को खत्म कर ऑनलाइन आवेदन की व्यवस्था शुरू की गई है। इससे जहां पात्रों को सहूलियत हो रही है, वहीं बिचौलियों का काम भी खत्म हो गया है। वहीं विवाह के लिए लाभार्थी के मोबाइल पर ही विवाह की तारीख और सूचना एसएमएस से भेजी जा रही है। जिले में यह योजना काफी फलीभूत हुई।

करीब तीन साल पहले लगे एक आरोप को हटा दें तो जिले में पात्रों को ही इसका लाभ मिला है। बताते चलें कि एक नाबालिग जोड़े का विवाह कराने को लेकर सवाल उठे थे। जिसमें जांच के बाद  जोड़ों की उम्र शादी के लिए सही पाई गई थी।

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