बरेली: कॉलेज में नकल कराने पर केंद्र व्यवस्थापक बदला, छात्रों ने एसडीएम से की थी शिकायत

कॉलेज के विषयों के ही शिक्षक भी लगाए गए थे

बरेली: कॉलेज में नकल कराने पर केंद्र व्यवस्थापक बदला, छात्रों ने एसडीएम से की थी शिकायत

बरेली, अमृत विचार। आंवला के सेंधा मोहपुर के सारांश उच्चतर माध्यमिक स्कूल में छात्रों को नकल कराने के आरोप में डीआईओएस ने केंद्र व्यवस्थापक बदल दिया है। वहीं जांच में सामने आया है कि केंद्र व्यवस्थापक ने हार्ड डिस्क से सीसीटीवी रिकार्डिंग डिलीट कर दी है। वहीं कॉलेज के ही विषय के शिक्षकों की ड्यूटी परीक्षा के दौरान लगाई गई थी।

29 फरवरी को हाईस्कूल की विज्ञान की परीक्षा के दौरान कक्ष निरीक्षका पर छात्रों ने बोल-बोलकर नकल कराने का आरोप लगाया था। इस मामले में छात्रों ने एसडीएम से शिकायत की थी। सोमवार को इस मामले में डीआईओएस देवकी सिंह ने केंद्र व्यवस्थापक सारांश गुप्ता को तत्काल प्रभाव से गैनी के चंद्रशेखर आजाद इंटर कॉलेज के सहायक अध्यापक सुखलाल मौर्य को केंद्र व्यवस्थापक नियुक्त किया है। डीआईओएस बताया कि गंभीर मामले की जांच कराई जा रही है। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी। वहीं केंद्र व्यवस्थापक का कहना है उन पर लगाए सभी आरोप निराधार हैं।

केंद्र व्यवस्थापक पर डाटा डिलीट कराने का भी आरोप
डीआईओएस की ओर से जारी पत्र के मुताबिक नकलविहीन परीक्षा कराने के लिए सारांश गुप्ता की ड्यूटी लगाई गई थी। 29 फरवरी को नकल कराने के आरोप की जांच की गई तो पाया कि उस दौरान के सीसीटीवी कैमरे की रिकार्डिंग केंद्र व्यवस्थापक ने डिलीट करा दी है। केंद्र व्यवस्थापक से जानकारी ली गई तो बताया कि 29 फरवरी का डाटा पेन ड्राइव में सुरक्षित है। कक्ष निरीक्षक की ड्यूटी पंजिका को देखा गया तो पता चला का विज्ञान और गणित के शिक्षक उसी स्कूल के ड्यूटी कर रहे थे।

केंद्र व्यवस्थापक से विषय अध्यापकों की ड्यूटी के बारे में पूछने पर अधिकारियों को भ्रमित कर बताया गया कि महिला शिक्षिका कम्प्यूटर ऑपरेटर और पुरुष शिक्षक परीक्षा सहायक है। परीक्षा प्रभारी, अन्य परीक्षा सहायक और कम्प्यूटर ऑपरेटर की ड्यूटी लगाने के बारे में आदेश पंजिका की जांच की गई तो पंजिका में अंतिम आदेश 2 फरवरी का पाया गया। आरोप है कि एक महीने बाद भी पंजिका में आदेश नोट नहीं किया गया। केंद्र व्यवस्थापक ने शातिर ढंग से परीक्षा की शुचिता को प्रभावित करने के लिए बाकायदा टीम का बनाई थी।

हमारे पास सभी साक्ष्य हैं, विरोधियों की साजिश के तहत उन्हें फंसाया जा रहा है। डीआईओएस की ओर से लगाए सभी आरोप निराधार हैं, बल्कि जिन छात्रों ने स्कूल में नकल की शिकायत की थी उन्होंने भी अपनी इस शिकायत को वापस लेने की बात कही हैं- सारांश गुप्ता, केंद्र व्यवस्थापक।

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