पहले प्यार की पींगे बढ़ाईं, किया शारीरिक शोषण, फिर कर दी निर्मम हत्या, कोचिंग संचालक ही निकला छात्रा का हत्यारा

Amrit Vichar Network
Published By Sachin Sharma
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वाराणसी/लखनऊ। छात्रा हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। गर्भवती होने के बाद छात्रा की बेरहमी से की गयी थी। पुलिस ने हत्यारोपी कोचिंग संचालक को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने यूपी के वाराणसी में अपनी ही स्टूडेंट हत्या कर उसके शव को ट्रेन की बोगी में डाल देने वाले कोचिंग संचालक संजय पटेल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। 

कपसेठी थाने की पुलिस और एसओजी की संयुक्त टीम ने उसे शुक्रवार को गिरफ्तार किया है। आरोपी को थाने लाकर पूछताछ की गई। फिर कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। आरोपी ने बताया कि उसने किशोरी के साथ दुष्कर्म किया, कई बार शारीरिक संबंध बनाए जिसके चलते किशोरी गर्भवती हो गई थी। 

जब कोचिंग संचालक ने किशोरी छात्रा से कहा कि वो गर्भपात करवा ले तो उसने अस्पताल जाने से इंकार कर दिया। कोचिंग संचालक ने फिर बदनामी के डर से पहले उसे मिलने के लिए बुलाया. उसे धोखे से नींद की गोली खिला दी। 

जैसे ही किशोरी पर दवा का असर होने लगा तो कोचिंग संचालक ने पहले उसके मुंह में पालीथीन भर दी, ताकि वो चीख न सके, फिर उसका मुंह-नाक दबाकर हत्या कर दी। इसके बाद छात्रा के शव को ठिकाने लगा दिया। 

एडीसीपी गोमती जोन आकाश पटेल ने बताया कि किशोरी 19 फरवरी को अपने घर से सहेली के घर जाने की बात कहकर निकली थी। इसके बाद लौटकर नहीं आई. 20 फरवरी की रात को किशोरी का हाथ-पैर बंधा शव बनारस रेलवे स्टेशन पर लखनऊ-बनारस इंटरसिटी ट्रेन की जनरल बोगी में टॉयलेट के पास जूट की बोरी में मिला। 

21 फरवरी को किशोरी के शव की पहचान हुई और उसके बाद पोस्टमार्टम कराया गया. रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ कि किशोरी गर्भवती थी और दम घुटने से उसकी मौत हुई थी। घटना के कुछ दिन बाद कॉल डिटेल के आधार पर संदिग्धों से पूछताछ की गई. पुलिस की रडार में आया क्षेत्र का ही एक कोचिंग संचालक भूमिगत हो गया था। 

जानिए कैसे हुआ किशोरी से प्यार?

पुलिस की पूछताछ में 43 वर्षीय आरोपी कोचिंग संचालक संजय पटेल ने जानकारी दी कि उसके कोचिंग सेंटर में वर्ष 2022 में यह किशोरी पढ़ने आई थी। तब वह कक्षा नौ की छात्रा थी। वर्ष 2023 में कक्षा 10 में भी किशोरी उसकी कोचिंग में पढ़ने लगी तो उसका लगाव उसके प्रति बढ़ने लगा। नवंबर में किशोरी ने उसे बताया कि वह गर्भवती हो गई है, इस पर उसने किशोरी को गर्भपात कराने को कहा तो वह बदनामी के डर से अस्पताल जाने से मना करने लगी। इस पर उसने किशोरी को रास्ते से हटाने की योजना बनाई। 

इस प्रकार की हत्या! 

19 फरवरी की दोपहर को उसने किशोरी को विश्वास में लेकर अपने कोचिंग बुलाया जिसके बाद बातचीत के दौरान ही उसे नींद की दवा खिला दी। किशोरी की हत्या करने के बाद उसके हाथ पैर दुपट्टे से बांध दिए। फिर शव को बोरी में भरकर 19 फरवरी को कोचिंग में ही पड़ा रहने दिया। 

20 फरवरी की सुबह वह अपनी बाइक पर पीछे बोरी बांध कर सेवापुरी स्टेशन गया जहां बनारस से लखनऊ जा रही ट्रेन में किशोरी का शव रख दिया। उसे पूरा भरोसा था कि किशोरी का शव लखनऊ में उतारा जाएगा और उसकी पहचान नहीं हो पाएगी तो वह पकड़ा नहीं जाएगा। 

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