सभी के हिस्से का विष पीने वाले हैं शिव: मिथिलेश नंदिनी 

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Published By Sachin Sharma
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अयोध्या, अमृत विचार। हनुमत निवास में चल रहीं दो दिवसीय सेवाज्ञ संस्थानम की कार्यशाला का समापन हो गया। 
कार्यशाला के दूसरे दिन रविवार को सेवा के अवसर तलाशने, अधिक से अधिक लोगों से मिलकर स्थानीय स्तर की समस्याओं को ध्यान में रखकर सेवा देने वृक्षारोपण, आपदा में सहयोग जैसे विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। देश के विभिन्न प्रांतो से आए पदाधिकारियों और  कार्यकर्ताओं को सेवाज्ञ संस्थानम के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए  प्रशिक्षित किया गया। 
समापन पर आचार्य मिथिलेश नंदिनी शरण महाराज ने कहा कि सेवाज्ञ संस्थानम द्वारा सेवा का भाव अत्यंत महत्वपूर्ण है। इससे लोगों में भी सेवा का भाव जागृत होगा। कहा कि विशिष्ट को समूह के लिए तिरोहित कर देना चाहिए अन्यथा वह चौंकाने का उपक्रम भर है। कहा यह धरती भगवान शिव के अधिवास की धरती है। जिस जगह वह आमंत्रित तक नहीं हो वहां जाकर विषपान कर लेना ही शिव है। मरता वो है जो अपने हिस्से का भी विष नहीं पीता है, सबका विष पीने वाला अमर हो जाता है वही शिव हो जाता है।

उन्होंने कहा श्री राम अपने जीवन की किसी भी परिस्थिति में यह नहीं भूले कि वह श्री राम है सभी का अपना स्वभाव अपना चरित्र है। उसके अनुशासन में रहकर कार्य करना चाहिए। परिस्थितियों के दबाव में निर्णय बदलने वाले लोग नेतृत्व कर्ता नहीं है, अपने कार्यों व निर्णय की उत्तरजीविता का भी सदा ध्यान रखना चाहिए। राष्ट्रीय अध्यक्ष आशीष, जिला प्रमुख परेश पांडेय, संयोजक अनुज सिंह, सह संयोजक अभिनव सिंह, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य पूजा सिंह मीडिया प्रमुख अनूप द्विवेदी, सोशल मीडिया प्रमुख रुद्र नारायण पांडेय, अंजनी कुमार ओझा, तरुण प्रताप सिंह, उमेश वर्मा, ऋचा अग्रवाल आदि मौजूद रहे।

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