लखनऊ: दुष्कर्म पीड़ित बच्ची को 9 महीने बाद भी नहीं मिली सरकारी मदद, तीसरी बार होने जा रही सर्जरी

Amrit Vichar Network
Published By Virendra Pandey
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लखनऊ, अमृत विचार। दुष्कर्म पीड़ित पांच वर्षीय बच्ची की किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में तीसरी बार सर्जरी होने जा रही है। बच्ची को आर्थिक मदद की जरूरत है। करीब 9 महीने बीत जाने के बाद भी बच्ची को अभी तक सरकारी मदद के नाम पर महज आयुष्मान कार्ड ही बन पाया है। वह भी काफी जद्दोजहद के बाद।

हालांकि आयुष्मान कार्ड बनने के बाद इलाज का रास्ता साफ हो गया है, लेकिन एक वक्त के खाने और बाहर से दवाओं की खरीद के लिए पीड़ित बच्ची के माता-पिता दूसरों के आगे हाथ फैलाने को मजबूर हैं। पीड़ित बच्ची की मां का आरोप है कि बाराबंकी के जिलाधिकारी को तीन बार प्रार्थना पत्र देने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई है। इतना ही नहीं रानी लक्ष्मीबाई महिला सम्मान कोष योजना का लाभ भी पीड़ित बच्ची को नहीं मिल पाया है।

इस योजना के तहत जघन्य हिंसा की शिकार महिलाओं या बालिकाओं को तत्काल आर्थिक और चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई जाती है। दिहाड़ी मजदूरी करके जीवन यापन करने वाले माता-पिता बार-बार एक ही बात दोहराते हैं कि यदि ऐसा ही चलता रहा तो बच्ची का इलाज करा पाना मुश्किल होगा।

ढेरों कवायदों के बाद भी व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही है। सरकारी दावे खोखले साबित हो रहे हैं। दुष्कर्म पीड़िता बच्ची के मामले में अभी तक सरकारी मदद न मिलना कई सवाल खड़े कर रहा है। योजनाओं में बजट न होने की बात कह अधिकारी पल्ला झाड़ ले रहे हैं। दरअसल, करीब 9 महीने पहले बाराबंकी निवासी एक पांच वर्षीय बच्ची के साथ रेप की घटना हुई थी। आरोपी ने बच्ची के साथ दरिंदगी की सभी हादें पार कर दी थीं और उसे मरा हुआ समझ कर मौके से भाग निकला था। घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने बच्ची को गंभीर हालत में भर्ती कराया था। हालत में सुधार नहीं होने पर बाराबंकी जिला अस्पताल से बच्ची को राजधानी स्थित केजीएमयू इलाज के लिए भेजा गया था। केजीएमयू में पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग में बच्ची की सर्जरी हुई थी। दोबारा सर्जरी के लिए डॉक्टरों ने 6 सप्ताह बाद बुलाया था। दोबारा से बच्ची की तबीयत खराब होने पर बाल कल्याण समिति (बाराबंकी) की अध्यक्ष बाला चतुर्वेदी और समाजसेवी अमृता शर्मा ने बच्ची को एक बार फिर बाराबंकी स्थित जिला अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां से बच्ची को केजीएमयू भेजा गया था। जहां पर केजीएमयू प्रशासन और बाल कल्याण समिति (बाराबंकी) की अध्यक्ष के प्रयासों से बच्ची को इलाज मिल पाया था। एक बार फिर बच्ची की सर्जरी होनी है जिसके लिए उसे केजीएमयू में भर्ती किया गया है।

पीड़ित बच्ची के परिजनों की सुनिये

पीड़ित बच्ची इस समय केजीएमयू में भर्ती है। बच्ची के पिता दिहाड़ी मजदूर हैं। पीड़ित बच्ची की मां ने बताया है कि कई बार बाराबंकी जिले में अधिकारियों से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन कोई मदद नहीं मिल पा रही है। विकास भवन के अधिकारियों ने बैंक में खाता करा दिया था और कहा था कि इलाज के लिए सरकार पैसा देगी, लेकिन वह आज तक नहीं मिला। डीएम साहब को भी प्रार्थना पत्र दे चुकें हैं। वहां से भी कोई मदद नहीं मिल रही है। हम लोग पढ़े लिखे नहीं है। आगे क्या कर सकते हैं कोई बताने वाला नहीं है।

इस मामले की हकीकत जानने के लिए बाराबंकी के जिलाधिकारी के सीयूजी नंबर पर कई बार फोन किया गया, लेकिन बात नहीं हो पाई। वहीं डीपीओ पल्लवी सिंह ने बताया है कि यहां से सभी कार्रवाई पूरी कर दी गई है, लेकिन बजट के आभाव में आर्थिक मदद नहीं हो पाई है,लेकिन कोशिश की जा रही है कि बच्ची के इलाज के लिए कुछ मदद हो सके।

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