लखनऊ : केजीएमयू में इलाज के लिए 6 दिन भटकती रही दुष्कर्म पीड़ित बच्ची, जानें कैसे हुई भर्ती और शुरू हुआ इलाज

Amrit Vichar Network
Published By Virendra Pandey
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लखनऊ, अमृत विचार। केजीएमयू के जिम्मेदारों की संवेदहीनता सामने आई है। दुष्कर्म पीड़ित पांच वर्षीय बच्ची को इलाज के लिए 6 दिन से अधिक समय तक भटकना पड़ा है। हालाँकि मंगलवार देर शाम केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह के प्रयास के बाद बच्ची को वार्ड में भर्ती किया गया और उसका इलाज शुरू हो सका।

दरअसल, करीब दो महीने पहले बाराबंकी निवासी एक पांच वर्षीय बच्ची के साथ रेप की घटना सामने आई थी। आरोपियों ने बच्ची के साथ दरिंदगी की सभी हादें पार कर दी थीं और उसे मरा हुआ समझ कर मौके से भाग निकले थे। घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने बच्ची को गंभीर हालत में भर्ती कराया था। हालत में सुधार नहीं होने पर बाराबंकी जिला अस्पताल से बच्ची को राजधानी स्थित केजीएमयू इलाज के लिए भेजा गया था। केजीएमयू में पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग में बच्ची की सर्जरी हुई थी। दोबारा सर्जरी के लिए डॉक्टरों ने 6 सप्ताह बाद बुलाया था।

पीड़ित पिता का आरोप है कि वह बीते 15 दिनों में 6 बार केजीएमयू इलाज के लिए बच्ची को लेकर आये, लेकिन बार-बार लौटाया जाता रहा।

सोमवार को बच्ची की तबीयत खराब होने पर बाल कल्याण समिति (बाराबंकी) की अध्यक्ष बाला चतुर्वेदी और समाजसेवी अमृता शर्मा ने बच्ची को एक बार फिर बाराबंकी स्थित जिला अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन इलाज के लिए एक बार फिर बाराबंकी जिला अस्पताल से एंबुलेंस के जरिये बच्ची को केजीएमयू भेज दिया गया।

मंगलवार को केजीएमयू में एबुलेंस ने बच्ची और उसके परिजनों को लाकर छोड़ दिया। कई घंटे की कोशिश के बाद थकहार कर पीड़ित परिजन बच्ची को लेकर पीडियाट्रिक वार्ड के बाहर रुक गये और सुबह होने का इंतजार करने लगे। हालाकि इस बीच केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह को जब बच्ची के हालत की जानकारी हुई। तो उन्होंने तत्काल बच्ची को न सिर्फ पीडियाट्रिक वार्ड में भर्ती कराया, बल्कि उसका इलाज भी शुरू कराया।

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