मनरेगा: पांच साल में महंगाई चरम पर, मजदूरी बढ़ी मात्र 36 रुपये

आटा, दाल, चावल सबके बढ़े दाम, मनरेगा दिहाड़ी सिर्फ 237 रुपये

मनरेगा: पांच साल में महंगाई चरम पर, मजदूरी बढ़ी मात्र 36 रुपये

रीतेश श्रीवास्वत/बाराबंकी, अमृत विचार। महंगाई के कारण जहां एक ओर कमजाेर वर्ग के  लिए थाली महंगी होती जा रही है, वहीं मजदूरों की दिहाड़ी में सिर्फ सात रुपये की वृद्धि होने से जॉबकार्ड धारक  चिंतित हैं। मनरेगा में अभी तक 230 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरी मिलती थी, मगर 237 रुपये की दर से भुगतान किया जाएगा।

निजी सेक्टर में काम करने वाले मजदूरों को 400 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरी दी जा रही है। मगर मनरेगा के तहत कार्य करने वाले मजदूरों को 237 रुपये की दर से दिहाड़ी दी जा रही है। ऐसे में मजदूरों के लिए परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है। जबकि महंगाई का आलम यह है कि खान-पान की वस्तुआें के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं। शहर के कंपनीबाग निवासी सूरज गुप्ता बताते हैं कि आटे के दाम में पिछले छह महीने में बेतहाशा बढ़ोत्तरी हुई है। अक्तूबर में 300 रुपये में मिलने वाले 10 किग्रा आटे की बोरी अब 350 रुपये में मिल रही है। इसके अलावा 27 रुपये किग्रा मिलने वाले चावल का दाम 36 रुपये प्रति किग्रो हो गया है। सरसों का तेल 190 पर पहुंच गया है। रिफाइंड 160 रुपये प्रति लीटर हो गया है। इसी तरह कई अन्य खाद्य सामग्रियों के दामों में बढ़ोत्तरी होने से मजदूरी पेशा लोगों को जीवन चलाने में बाधा आ रही है।


बोले जॉबकार्डधारक

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महंगाई ने कमर तोड़ कर रख दी है। मनरेगा में इतनी कम मजदूरी है, ऐसे में परिवार का खर्च कैसे उठाया जाए। समझ में नहीं आ रहा है, क्या खिलाएं क्या बचाएं। इतनी महंगाई में सात रुपये मजदूरी बढ़ाने से क्या होगा।
सुखमी लाल, जॉब कार्डधारक

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स्कूल की फीस से लेकर खाद्य पदार्थाें के दामों में भी बढ़ोत्तरी हुई है लेकिन तनख्वाह पहले के समान ही है। मुश्किल से गुजर बसर कर रहे हैं, निजी क्षेत्र में चार सौ रुपये तक मजदूरी आसानी से मिल जाती है। मनरेगा में सात रुपये बढ़ाना कोई मतलब नहीं है।
छोटेलाल निषाद, जॉब कार्डधारक
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ब्लॉकवार     जॉबकार्ड--श्रमिक--सक्रिय जॉबकार्ड--सक्रिय श्रमिक
बनीकोडर-    29593--41734--20002--25657
बंकी-          14777-- 18229-- 7643--  9018
दरियाबाद- 23083--  29355--  16494-- 20323
देवा-         19138--  23935--  12178-- 14654
फतेहपुर-    29739-- 35001--  18395--  22390
हैदरगढ़-     19517--   26371-- 15006--  18492
हरख-        15719--  20486--  11123--  13484
मसौली-       15447--  20286--  9744--  11833
निंदूरा-        29016--  37642--  21547--  26666
पूरेडलई-     19681--  25628--  13935--  16992
रामनगर-     21474--  26611--  16227-- 19429
सिद्धौर-      33386--  44453--  24692--  31119
सि.गौस.-     22088-- 26248--  16495--  19023
सूरतगंज-     32293--  37435--  25154--  28211
त्रिवेदीगंज-     21963--  30036--  15820--  20737
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इस तरह बढ़ी मनरेगा मजदूरी
वर्ष--मजदूरी
2020--201
2021--213
2022--220
2023--230
2024--237

वर्जन-
मनरेगा मजदूरी केंद्र सरकार से बढ़ती है। इसमें राज्य या जिलेस्तर से कुछ नहीं हो सकता है। हम तो बस काम दे सकते हैं। मजदूरी क्रमिक रुप से हर साल बढ़ती है। सभी प्रधानों और कर्मचारियों को निर्देशित किया गया है कि समय से मजदूरी का भुगतान कराया जाए।
ब्रजेश त्रिपाठी, उपायुक्त मनरेगा।

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