भीमताल:  2030 में खुलेगा सातताल आश्रम में तहखाने का दरवाजा, 1980 में तत्कालीन स्टेट मैनेजर ने करवाया था बंद

भीमताल:  2030 में खुलेगा सातताल आश्रम में तहखाने का दरवाजा, 1980 में तत्कालीन स्टेट मैनेजर ने करवाया था बंद

भीमताल, अमृत विचार। भीमताल के समीप सातताल आश्रम में एक तिलिस्म छिपा है। वह भी ऐसा जिसके बारे में किसी को अधिक जानकारी नहीं है। आश्रम में हर दरवाजा खुला है, लेकिन तहखाने का एक दरवाजा आज भी बंद है। जिसे आश्रम के कर्मचारी टाइम कैप्सूल कहते हैं।

बताया जाता है कि सातताल आश्रम के इस दरवाजे को वर्ष 1980 में तत्कालीन स्टेट मैनेजर मुराद मैसी ने बंद कराया था। कर्मचारी बताते हैं कि मैसी ने इसे 44 साल पहले बंद कराया था, लेकिन यहां प्रवेश की अनुमति उससे पूर्व भी किसी को नहीं थी। दरवाजे के पीछे का राज किसी को पता नहीं है और न ही इसका उल्लेख किसी अभिलेख में है। दरवाजे के निर्माणकर्ता की इच्छा के अनुरूप इसे वर्ष 2030 में खोला जाना है।

दरवाजे को लेकर क्षेत्रवासियों के भिन्न-भिन्न मत हैं। यहां आने वाले पर्यटक बताते हैं कि इसमें तत्कालीन कुछ अभिलेख हो सकते हैं, जिसकी आवश्यकता संभव है कि वर्ष 2030 में पड़े। हो सकता है कि तत्कालीन समिति ने वर्ष 2030 के लिए संस्था को कुछ दिशा-निर्देश दिए हों। बहरहाल श्रद्धालुओं को इसका राज जानने के लिए 2030 तक इंतजार करना होगा। 

यह है इतिहास
सातताल आश्रम को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के करीबी मित्र स्टोनले जोंस ने वर्ष 1930 में बनवाया था। गांधी विचारधारा से प्रभावित जोंस का झुकाव भारतीय संस्कृति की ओर अधिक था। क्षेत्रवासी बताते हैं कि पुराने अभिलेखों में तत्कालीन मैनेजर के हाथ कुछ ऐसे तथ्य लग गए होंगे, जिनका संबंध स्टोनले से हो सकता है। स्टोनले की इच्छा के अनुरूप दरवाजा बंद कर दिया गया होगा और 2030 में उनकी इच्छा के अनुरूप इसे खोला जाएगा।