पीलीभीत: हत्या के चार आरोपियों को उम्रकैद, 11 साल पहले हुई थी वारदात...FIR कराने वाला ही निकला मास्टरमाइंड
पीलीभीत, अमृत विचार। ग्यारह साल पुराने रामआसरे हत्याकांड में अपर सत्र न्यायाधीश गीता सिंह ने सुनवाई के बाद चार अभियुक्तों को दोषी पाते हुए उम्रकैद और जुर्माने से दंडित किया।
बता दें कि हत्याकांड में विवेचना के दौरान एफआईआर में नामजद किए गए अभियुक्तों की नामजदगी झूठी पाई थी। मुकदमा दर्ज कराने वाला मृतक भतीजा भी हत्यारोपी निकला था। उसी ने तीन अन्य साथियों संग मिलकर वारदात को अंजाम दिया था। राज्य सरकार की ओर से पैरवी सहायक शासकीय अधिवक्ता फौजदारी रेखा रानी शर्मा ने की।
अभियोजन कथानक के अनुसार बीसलपुर कोतवाली में क्षेत्र के ग्राम मुसेली निवासी सोनू ने तहरीर देकर बताया था कि पांच दिसंबर 2013 को वह और उसके ताऊ (दाऊ) रामआसरे तारीख पर पीलीभीत गए थे। वापसी में दोनों अलग-अलग साधनों से घर के लिए निकले। बीसलपुर से बस में सवार होकर वादी (सोनू) गांव जा रहा था।
इस बीच रास्ते में शाम करीब छह बजे रसूला पुलिया के पास उसने देखा कि गांव मुसेली के ही मुकेश पुत्र रामबहादुर, माखन पुत्र ओमप्रकाश और कल्लू पुत्र रामदयाल उसके दाऊ रामआसरने से मारपीट कर रहे थे। डर की वजह से मौके पर बचाने नहीं गया। रसूला चौराहा पर बस से उतर गया और मां के साथ पुलिस चौकी पर गए। इसके बाद पुलिस के साथ दाऊ को काफी तलाशा लेकिन कुछ पता नहीं चल सका। छह दिसंबर 2013 को पुन: वह रसूला पुलिया पर पहुंचा और तलाश की गई।
इस दौरान मोहम्मदपुर भजा गांव के पास राजेंद्र के खेत में रामआसरे का शव देखा। मारपीट करने वालों पर हत्या कर शव गायब करने का आरोप लगाया। छह दिसंबर 2013 को पुलिस ने आरोपी मुकेश, माखन और कल्लू के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। विवेचना के बाद पुलिस ने प्रथम सूचना रिपोर्ट में अभियुक्त बनाए गए कल्लू, माखन और मुकेश की नामजदगी झूठी पाई।
मुकदमा वादी सोनू, राजू, ऋषिपाल और महेश के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया। मुकदमे की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश गीता सिंह की अदालत में हुई। दोनों पक्षों को सुनने एवं पत्रावली का परिशीलन करने के उपरांत न्यायालय ने दोषियों को सजा सुनाई।
अभियुक्त भुता (बरेली) के बकरापुर गांव निवासी ऋषि पाल पुत्र रामस्वरुप, हाफिजगंज (बरेली) के गांव बीसीरंपुरा निवासी महेश पुत्र बाबूराम, बीसलपुर कोतवाली क्षेत्र के ग्राम राजू पुत्र रामऔतार और सोनू पुत्र रामप्रकाश को रामआसरे की हत्या कर शव गायब करने का दोषी पाते हुए उम्रकैद और प्रत्येक को 30-30 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
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