'विशी सर नहीं होते तो आज जहां हूं, उसके करीब नहीं होता', डी गुकेश ने विश्वनाथन आनंद को कहा धन्यवाद

'विशी सर नहीं होते तो आज जहां हूं, उसके करीब नहीं होता', डी गुकेश ने विश्वनाथन आनंद को कहा धन्यवाद

चेन्नई। भारतीय शतरंज स्टार डी गुकेश ने उनके कैरियर को निखारने में अहम भूमिका निभाने वाले महान खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद को धन्यवाद देते हुए कहा कि अगर आनंद नहीं होते तो वह आज जिस मुकाम पर हैं, उसके करीब भी नहीं होते। सत्रह बरस के गुकेश ने टोरंटो में कैंडिडेट्स शतरंज टूर्नामेंट जीतकर इतिहास रच दिया और वह विश्व चैम्पियनशिप खिताब के सबसे युवा चैलेंजर बन गए। उन्होंने 40 साल पुराना गैरी कास्पोरोव का रिकॉर्ड तोड़ा। वह साल के आखिर में मौजूदा विश्व चैम्पियन चीन के डिंग लिरेन को चुनौती देंगे। 

आनंद के बाद कैंडिडेट्स टूर्नामेंट जीतने वाले गुकेश ने स्वदेश लौटने के बाद यहां प्रेस कांफ्रेंस में कहा, बहुत अच्छा लग रहा है। विश्वनाथन आनंद मेरे प्रेरणास्रोत हैं और उनकी अकादमी से काफी फायदा मिला। उन्होंने मेरे कैरियर में अहम भूमिका निभाई और आज मैं जिस मुकाम पर हूं उसके करीब भी नहीं होता अगर वह नहीं होते। गुकेश ने 2020 में स्थापित वेस्टब्रिज आनंद शतरंज अकादमी में अभ्यास किया है। 

लिरेन के खिलाफ मुकाबले के बारे में उन्होंने कहा, सबसे बड़ी चुनौती यह होगी कि मैं तैयारी कैसे करता हूं। मुझे सही मानसिक तैयारी के साथ उतरना होगा क्योंकि यह बड़ा मैच है। उन्होंने कहा,  काफी अपेक्षायें हैं और बहुत कुछ दाव पर है। मुझे खुद पर पूरा भरोसा है और मैं इसी रणनीति के साथ खेलूंगा। उम्मीद है कि यह कारगर साबित होगी। उन्होंने कहा, मुझे यह देखकर खुशी हो रही है कि मेरी जीत के देश के लिये क्या मायने हैं। जोश से भरे बच्चों को इस तरह मेरा स्वागत करते देखकर अच्छा लगा । यह काफी खास है और मेरे लिये बहुत मायने रखता है।

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