बदायूं: ओवरहैड टैंक में घुसे सात बंदर, भूख-प्यास से हुई मौत...एक महीने बाद बाहर निकाले गए शव
पोस्टमार्टम कराकर पशु चिकित्साधिकारी ने गांव में दफन किए बंदरों के शव
ओवरहैड टैंक में बंदरों के शव मिलने पर मौके पर लगी ग्रामीणों की भीड़
ओरछी, अमृत विचार। थाना फैजगंज बेहटा क्षेत्र के गांव परमानंदपुर में जल शक्ति मिशन के अंतर्गत बनाए गए ओवरहैड टैंक में सात बंदरों की मौत हो गई। ग्रामीणों ने हंगामा शुरू कर दिया। सूचना मिलने पर पुलिस और पशु चिकित्सक पहुंच गए। पोस्टमार्टम कराकर बंदरों के शवों को दफन कराया गया। गांव के प्रधान ने जल जीवन मिशन के ठेकेदार और चौकीदार के खिलाफ तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है।
जल जीवन मिशन के अंतर्गत घर-घर पेयजल पहुंचाने के उद्देश्य से गांव परमानंदपुर में ओवरहैड टैंक बनवाया गया है। जो खाली था। उसमें बिल्कुल भी पानी नहीं था। मंगलवार दोपहर एक ग्रामीण ओवरहैड टैंक पर ऊपर चढ़ा। भीतर कुछ बंदर मृत पड़े थे। ग्रामीण की सूचना पर गांव के प्रधान द्रोण कृष्ण सिंह पहुंच गए। उन्होंने कुछ ग्रामीणों को ओवरहैड टैंक पर ऊपर भेजा। भीतर सात बंदरों के शव पड़े थे।
प्रधान ने वन विभाग के रेंजर मनोज कुमार और आसफपुर के पशु चिकित्साधिकारी डॉ. दीप कुमार को सूचना दी। वह मौके पर पहुंचे। सूचना मिलने पर पुलिस भी मौके पर आ गई। बंदरों के शव टैंक से बाहर निकलवाए। ग्रामीणों ने बताया कि शव को देखकर लग रहा है कि बंदर लगभग एक महीने से भीतर पड़े रहे होंगे। एक बार टैंक में घुसे लेकिन बाहर आने का रास्ता न मिलने के चलते भूख प्यास से उनकी मौत हो गई।
बंदरों के शव दफन कर दिए गए। प्रधान ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि टैंक में बंदरों के शव मिले थे। आरोप लगाया कि जल जीवन मिशन के ठेकेदार और गांव निवासी चौकीदार की लापरवाही की वजह से बंदरों की मौत हुई हैं। कुछ दिन पहले टैंक पर चढ़ते छोटे बच्चों का वीडियो वायरल हुआ था। चौकीदार का काम पूरी तरह से देखभाल का होता है जिसमें उन्होंने लापरवाही की।
ओवरहैड टैंक में सात बंदरों के शव मिले थे। टैंक में पानी नहीं था। बंदरों की मौत भूख-प्यास से हुई थी। बंदरों के शवों का पोस्टमार्टम कराकर शवों को दफन किया गया। पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट मांगेगी तो उपलब्ध कराएंगे।- डॉ. दीप कुमार गुप्ता, पशु चिकित्साधिकारी।
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