Bareilly News: एक साल में 155 गर्भवती हेपेटाइटिस की शिकार

हेपेटाइटिस सी की तुलना में बी से ग्रसित होने वाली महिलाओं की संख्या ज्यादा

Bareilly News: एक साल में 155 गर्भवती हेपेटाइटिस की शिकार

जिला महिला अस्पताल की ओपीडी में मरीजों की भीड़ 

बरेली, अमृत विचार। गर्भावस्था के आरंभ से प्रसव होने तक महिलाओं को विशेष खानपान और देखरेख की सलाह डॉक्टर देते हैं, लेकिन अनदेखी के कारण गर्भवती हेपेटाइटिस सी और बी की चपेट में आ रही हैं। जिला महिला अस्पताल की लैब के आंकड़े भी इसकी तस्दीक कर रहे हैं।

वर्ष 2023 में 21 मार्च से 2024 में 20 अप्रैल तक जिला महिला अस्पताल की पैथोलॉजी लैब में करीब 15 हजार गर्भवतियों की विभिन्न जांचें की गईं। इनमें 155 गर्भवतियों में हेपेटाइटिस की पुष्टि हुई। इसमें 75 हेपेटाइटिस सी और 80 हेपेटाइटिस बी से ग्रसित मिलीं।

वरिष्ठ स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. मृदुला शर्मा के अनुसार अगर महिला का पति हेपेटाइटिस से संक्रमित है। संबंध बनाने या संक्रमित मरीज को प्रयोग की गई सुई के संपर्क में आने से भी हेपेटाइटिस का खतरा बढ़ जाता है। वहीं, अगर मां हेपेटाइटिस से ग्रसित है तो शिशु भी संक्रमित हो सकता है। हालांकि प्रसव के तुरंत बाद हेपेटाइटिस से बचाव के लिए 24 घंटे में नवजात को वैक्सीन लगाई जाती है। यह वैक्सीन बच्चों का हेपेटाइटिस बी से बचाव करती है।

प्रसव पूर्व होती हैं सभी जांचें
जिला महिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. त्रिभुवन प्रसाद ने बताया कि सुरक्षित मातृत्व को लेकर अस्पताल में भर्ती होने वाली सभी मरीजों की प्रसव से पूर्व ब्लड, मधुमेह, हेपेटाइटिस, एचआईवी समेत सभी जांच कराई जाती हैं, अगर कोई मरीज गंभीर संक्रमण से ग्रसित पाई जाती है तो तुरंत उपचार किया जाता है। इसलिए गर्भावस्था के दौरान सभी जरूरी जांचों करना आवश्यक है।

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