Kannauj: रिश्वत कांड: शिक्षकों के निलंबन पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, यूटा जिलाध्यक्ष ने दायर की थी याचिका

Kannauj: रिश्वत कांड: शिक्षकों के निलंबन पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, यूटा जिलाध्यक्ष ने दायर की थी याचिका

कन्नौज, अमृत विचार। बीएसए की ओर से शिक्षक के निलंबन पर हाईकोर्ट इलाहाबाद ने रोक लगा दी है। इसको लेकर यूटा जिलाध्यक्ष ने राज्य सरकार समेत तीन के खिलाफ खुद याचिका दायर की थी। इससे पहले औरैया के निलंबित शिक्षक पंकज कुमार ने 15 अप्रैल को उच्च न्यायालय में कार्रवाई के विरुद्ध अपील की थी। मामला एंटी करप्शन टीम की ओर से बीएसए कार्यालय में वरिष्ठ लिपिक के पकड़ने का है। 

याचिकाकर्ता व ब्लॉक सदर कन्नौज क्षेत्र के प्राथमिक स्कूल टिड़ियापुर के सहायक अध्यापक पंकज सिंह भदौरिया ने 20 मार्च में किए गए निलंबन आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की। न्यायाधीश पीयूष अग्रवाल ने रिट संख्या 7294/2024 की सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने कहा कि आमतौर पर अदालत निलंबन आदेश में हस्तक्षेप नहीं करता है लेकिन इस मामले में विशिष्ट तथ्यों व परिस्थितियों के तहत हस्तक्षेप किया गया है। 

कहा कि याचिकाकर्ता ने भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ राज्य सरकार की भ्रष्टाचार विरोधी टीम की ओर से सर्वेक्षण कराने में साथ दिया है। कोर्ट ने कहा कि पूर्व के आदेशों को भी रिकार्ड में लिया गया है। बहस में सतर्कता अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई व शिकायत पर भी तर्क दिए गए। साथ ही उत्तरदाताओं के वकील को आठ सप्ताह के अंदर जवाबी हलफनामा दाखिल करने का समय दिया। 

न्यायाधीश ने 20 मार्च के कन्नौज बीएसए के आदेश पर रोक लगाई। कहा कि याचिकाकर्ता को कर्तव्य निवर्हन करने से नहीं रोका जाएगा और मासिक वेतन दिया जाएगा। अगर वेतन नहीं दिया गया या उसे ड्यूटी में शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई तो अगली तारीख पर प्रतिवादी न्यायालय में व्यक्तिगत रूप से शपथ पत्र के साथ उपस्थित रहेंगे। उनको बताना होगा कि अदालत के आदेश का पालन क्यों नहीं किया गया। 

यहां से शुरू हुआ कोर्ट का मामला 

औरैया जिले के बिधूना ब्लॉक क्षेत्र के प्राथमिक स्कूल झबरा के निलंबित शिक्षक पंकज कुमार ने सबसे पहले 15 अप्रैल को उच्च न्यायालय इलाहाबाद में कार्रवाई के खिलाफ याचिका डाली। उसके बाद 25 अप्रैल को तारीख लगी। तीसरी सुनवाई छह मई को और 14 मई को आदेश पारित हुआ। आदेश से पहले ही यूटा जिलाध्यक्ष ने भी अपनी कार्रवाई को भी उसमें शामिल करा लिया। 12 आरोपों पर चर्चा हुई। 

कन्नौज व औरैया में यह था मामला 

बीएसए कार्यालय में 29 फरवरी को कानपुर की एंटी करप्शन टीम ने वरिष्ठ लिपिक को 10 हजार रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में पकड़ा था। उसके बाद वीडियो वायरल हुए, उसके बाद एंटी करप्शन की ओर से दर्ज कराई गई रिपोर्ट व रिश्वत के मामले की हकीकत सामने आई। 

एक मार्च को औरैया में बीईओ को विजिलेंस टीम ने रिश्वत के आरोप में पकड़ा। बाद में दोनों जिलों के बीएसए ने पत्राचार के जरिए दोषियों पर कार्रवाई के लिए कहा। कन्नौज बीएसए उपासना रानी वर्मा व औरैया के बीएसए अनिल कुमार ने कई शिक्षकों को दोषी मानते हुए निलंबन की कार्रवाई की। इसके खिलाफ निलंबित शिक्षक कोर्ट पहुंच गए। 

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