लखनऊ: 20 प्रतिशत महंगी दवाएं खरीद रहे अस्पताल, लोकल पर्चेज में कमीशन का खेल

लखनऊ: 20 प्रतिशत महंगी दवाएं खरीद रहे अस्पताल, लोकल पर्चेज में कमीशन का खेल

लखनऊ, अमृत विचार। सरकारी अस्पताल चिकित्सा संस्थानों के सापेक्ष 20 प्रतिशत महंगी दर पर एलपी की दवाएं खरीद रहे हैं। इससे बड़े स्तर पर कमीशन के खेल की आशंका है। बलरामपुर अस्पताल में लोकल पर्चेज का करीब सलाना आठ करोड़ रुपए का बजट है। इसमें हाईकोर्ट समेत इंडोर एलपी है। जानकारों का कहना है कि करीब 14 साल से यहां पर दो ही कंपनियों को टेंडर मिल रहा है। किसी भी तीसरी कंपनी को टेंडर में शामिल न किए जाने का आरोप है। 

ध्यान देने वाली बात यह है कि दोनों कंपनियां दवाओं के प्रिंट रेट से महज दस प्रतिशत छूट पर दवाएं आपूर्ति कर रही है। वहीं सिविल-लोकबंधु अस्पताल में इन्ही में से एक ही कंपनी दवा की आपूर्ति कर रही है। अस्पताल प्रभारियों का कहना है हर बार टेंडर में एक ही कंपनी आ रही है। जिसके बाद उसे ही काम दिया जा रहा है।

संस्थानों में 30 प्रतिशत छूट पर ली जा रही दवाएं

सरकारी अस्पतालों में जहां प्रिंट रेट से 10 प्रतिशत छूट पर दवाएं ली जा रही हैं। वहीं, सरकारी संस्थानों केजीएमयू, पीजीआई, लोहिया संस्थान में एलपी दवाओं की आपूर्ति करने वाली कंपनी करीब 30प्रतिशत छूट पर दवाएं आपूर्ति कर रही है।

इससे ज्यादा छूट तो निजी मेडिकल स्टोरों पर

जानकारों का आरोप है कि अस्पतालों में दवाओं की आपूर्ति करने वाली कंपनी 14 साल से अधिक समय से करोड़ों की दवाओं की आपूर्ति प्रिंट रेट से महज 10 प्रतिशत की छूट पर कर रही है। जबकि,शहर के ही कई निजी मेडिकल स्टोरों पर वहीं दवाएं 15 से 20प्रतिशत की छूट पर आसानी से मिल जा रहीं हैं। कई स्टोर से तो होम डिलीवरी की भी सुविधा मुहैया कराई जा रही है।

एक ही कंपनी को हर बार टेंडर दिए जाने के बारे में जानकारी नहीं है। इस बार नया टेंडर किया जाएगा। इसमें नई कंपनियों को भी आमंत्रित किया जाएगा.., डॉ. सुरेश कौशल, निदेशक, लोकबंधु।

लगातार एक ही कंपनी को टेंडर मिल रहा है इस बारे में जानकारी नहीं है। किस नियम के तहत टेंडर हुआ है इसका पता लगाया जाएगा.., डॉ. पवन कुमार, निदेशक बलरामपुर अस्पताल।

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