कासगंज: दो शिक्षकों पर लटकी बर्खास्तगी की तलवार, फर्जी दस्तावेज के मामले में की जा रही है कार्रवाई
बार-बार स्पष्टीकरण मांगने के बाद भी नहीं मिल रहा कोर्ठ जवाब
कासगंज, अमृत विचार। बेसिक शिक्षा विभाग में लंबे समय से फर्जीवाड़ा सामने आ रहा है। कई शिक्षकों को तो उच्च न्यायालय से राहत मिल गई है। जबकि कई शिक्षकों पर अभी भी तलवार लटकी हुई है। फिलहाल दो शिक्षकों को बर्खास्तगी का नोटिस दे दिया गया है। साथ ही इनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है, लेकिन स्पष्टीकरण समय से न मिलने के कारण उनके विरुद्ध बर्खास्तगी की कार्रवाई लगभग तय मानी जा रही है। यह दोनों शिक्षक फर्जी दस्तावेज के माध्यम से नौकरी पाने के आरोपी माने गए हैं।
एसआईटी की जांच में तीन साल पहले कासगंज जिले के 90 शिक्षक बर्खास्त किए गए थे। इन्हें पहले तो उच्च न्यायायल से राहत मिल गई, लेकिन शिक्षा विभाग ने जब अपना पक्ष न्यायालय के समक्ष रखा तो फिर से इन पर कार्रवाई की गई। हालांकि बाद में इन शिक्षकों को फिर राहत मिली और तैनाती मिल गई, लेकिन धीमे धीमे पाया गया कि कासगंज जिले में और भी तमाम शिक्षक ऐसे हैं जो फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी हासिल कर चुके हैं। इन सभी का ब्योरा खंगाला गया।
पहले छह शिक्षक बर्खास्त किए गए। इनमें से पिछले साप्ताह पांच शिक्षकों को उच्च न्यायालय से फिर राहत मिली। एक शिक्षक का मामला न्यायालय में विचाराधीन है। इस बीच दो अन्य शिक्षक फर्जी दस्तावेज के आधार पर नौकरी हासिल करने के आरोपी पाए गए हैं। नोटिस के बाद यह स्पष्टीकरण नहीं दे रहे। अब विभाग ने इन्हें बर्खास्त करने की तैयार कर ली है। हालांकि अभी विभागीय अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि इनका नाम उजागर न किया जाए। अन्यथा यह कोई और भी जालसाजी कर सकते हैं।
कुछ शिक्षकों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी हासिल कर ली है। कुछ को बर्खास्त कर दिया गया है जबकि कुछ की जांच विचाराधीन है। कुछ शिक्षकों को न्यायालय से राहत मिल गई है- राजीव कुमार, बीएसए।
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