Bareilly News: विकास के लिए पेड़ों की बलि, तो क्या ऐसे बचाया जाएगा पर्यावरण

Amrit Vichar Network
Published By Moazzam Beg
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बरेली, अमृत विचार। एक तरफ तो बुधवार को विश्व पर्यावरण दिवस पूरे देश में मनाया गया। लोगों से पेड़ लगान की अपील की गई तो दूसरी तरफ एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ जिसमें बड़ी तादाद में काटे गए पेड़ सड़क किनारे पड़े नजर आए। कुछ लोगों ने यह वीडियो चिपको बरेली ग्रुप में भी शेयर कर दिया तो पर्यावरण प्रेमी सवाल खड़े करने लगे।

वीडियो नवाबगंज के पास का बताया जा रहा है। यहां पेड़ बरेली-सितारगंज मार्ग के चौड़ीकरण को काटे जा रहे हैं। अब लोग सवाल कर रहे हैं कि क्या हजारों पेड़ों की बलि चढ़ाकर पर्यावरण को बचाया जाएगा।

दरअसल, 71 किलीमीटर लंबे बरेली सितारगंज मार्ग को अर्से से चौड़ा करने का प्रोजेक्ट चल रहा है। चौड़ीकरण को लेकर पेड़ों का कटान वन निगम की तरफ से शुरू कर दिया गया है। विभाग के आंकड़ों के अनुसार लगभग ढाई हजार पेड़ इस सड़क पर काटे जाने हैं, हालांकि एनएचएआई की तरफ से इसको लेकर पूर्व अनुमति ली गई थी। सर्वे करने के बाद वन विभाग की तरफ से पेड़ों के कटान की अनुमति दी गई थी। 

पूरे मामले पर नवाबगंज के वन रेंजर केके मिश्रा ने बताया कि एक महीने पहले ही पेड़ों के कटान का काम शुरू हो गया था। उधर एनएचएआई के परियोजना निदेशक बीपी पाठक ने बताया कि ढाई हजार पेड़ काटने की अनुमति ली गई है। जिसमें से लगभग 800 पेड़ अब तक काटे जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि पेड़ों के कटान के कारण फिलहाल चौड़ीकरण का कार्य बीच में ही रुका हुआ है।

पर्यावरण प्रेमियों ने उठाए सवाल
पेड़ों के कटान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पर्यावरण प्रेमी संजीव महरोत्रा ने चिपको ग्रुप में वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि एक तरफ तो पेड़ लगाने की मुहिम चल रही है तो दूसरी तरफ बेदर्दी के साथ पेड़ काटे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह का काम बंद होना चाहिए। वहीं, पर्यावरण प्रेमी निकिता ने भी वीडियो पर कमेंट कर लिखा कि इस तरह के काम पर शर्म आनी चाहिए।

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