तीन साल में ही खत्म हो गई 25 लाख की लागत से बनी व्यायामशाला 

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Published By Muskan Dixit
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तीन साल पहले 25 लाख की लागत से सोहावल में व्यायामशालाओं में बनाया गया था। वह पार्क आज चारागाह बन गया है। इसके सौंदर्यकरण के लिए प्रधान ने भी कोई रुचि नहीं दिखाई।

सोहावल/अयोध्या, अमृत विचार : पंचायतों में स्वास्थ और समृद्धि की परिचायक के रूप में व्यायामशालाएं बनाई गई थी। इसकी हालत पुरी तरह से खराब हो रखी है। शासन सत्ता का निजाम वही है, लेकिन इन व्यायामशालाओं का कोई पुरसाहाल नहीं है। इन्हें बने हुए अभी तीन वर्ष ही बीते हैं, लेकिन इनकी दशा हरे भरे पार्कों की जगह वीरानगी में बदल चुकी है। कहीं इन पार्कों की दीवारें टूट रही हैं तो कहीं गेट टूटा हुआ नजर आ रहा है।  पहले सुबह-शाम बच्चे, महिलाएं, बुजुर्ग और युवा पार्कों में लगे व्यायाम यंत्रों के सहारे अपना स्वास्थ्य ठीक करने के लिए बड़ी संख्या में पार्कों में घूमते रहते थे। वहीं आज यह पार्क जानवरों के लिए चारागाह और आश्रय स्थल बन चुके हैं।
 

2021 में बने व्यायामशाला

56 ग्राम पंचायतों वाले विकास खंड में ग्राम पंचायत तहसीनपुर सहित सात ग्राम पंचायतों में इनका निर्माण 2021 में कराया गया था। करीब 25 लाख से ज्यादा की इन पार्कों और व्यायाम शालाओं की संख्या अब डेढ़ दर्जन से ज्यादा हो चुकी है। इनकी निगरानी फूल पत्तियों की रखवाली सिंचाई आदि के लिए 6000  मानदेय पर पंचायत से ही कर्मचारी नियुक्त है लेकिन सब केवल कागजों पर चलाया जा रहा है। बिना कार्य किए घर बैठे कर्मी प्रधानों की मिली भगत से आबंटित धन की ऐसी की तैसी कर रहे है। कमोबेश पुराने सभी व्यायाम शालाओं की हालत तहसीनपुर व्यायाम शाला जैसी ही बताई जाती है लेकिन इस ओर झांकने की कोशिश अब तक किसी ने नही किया।

 गांव की इन व्यायाम शालाओं के संचालन और देखरेख की जिम्मेदारी ग्राम प्रधानों की है। उपयोग भी पंचायत के लोग ही करते है। कहीं गड़बड़ी है तो शिकायत आएगी और उस पर विचार जरूर भी किया जाएगा। 
-राजीव कुमार, एडीओ पंचायत, सोहावल

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