Bakrid 2024: उन्नाव में बकरीद नजदीक आते ही कुर्बानी के लिए बाजार पहुंच रहे बकरे, इतने हजार रुपये की कीमत से शुरू...
उन्नाव में कुर्बानी वाले बकरों की कीमत 15 हजार से शुरू
उन्नाव, अमृत विचार। ईद-उल अजहा (बकरीद) पर कुर्बानी के लिए पशु पालक पशु लेकर बाजार पहुंचने लगे हैं। बाजार में बकरों की कीमत भले ही 15 हजार रुपए से शुरू हो रही है। इसके बावजूद बकरा बेचने आ रहे ग्रामीण करीब डेढ़ साल बांधकर खिलाने पर आने वाली लागत निकलना मुश्किल बता रहे हैं।
पैगबंर हजरत इब्राहित ने इस्लाम (अल्लाह) के लिए अपने बेटों की कुर्बानी दी थी। इसी के बाद से बकरीद पर कुर्बानी देने का सिलसिला जारी है। इसमें बकरों सहित बड़े पशुओं को भी कुर्बान किया जाता है। कुर्बानी के बाद मांस को परिवार सहित अन्य मिलने वालों के बीच बांटा जाता है। बकरीद त्योहार की उल्टी गिनती शुरू होने के साथ ग्रामीण पशुपालक बिक्री के लिए बकरों को लेकर शहर की किला बाजार पहुंचने लगे हैं।
बाजार में 15 हजार रुपए से कम पर बकरा नहीं उपलब्ध है। बिक्री करने वाले बकरों की 20-25 रुपये भी कीमत बता रहे हैं। वहीं बकरे पर अल्लाह या 786 लिखावट जैसी आकृति होने पर पशुपालक मुंह मांगी यानी 50-60 हजार रुपये कीमत बताने पर कोई संकोच नहीं करते हैं। हालांकि बाजार के जानकारों ने इस बार अब तक ऐसा कोई बकरा बाजार न पहुंचने की जानकारी देते हैं।
स्वस्थ्य पशु की होती है कुर्बानी
कुर्बानी के लिए बकरे की उम्र एक साल से अधिक होनी चाहिए। साथ ही दांत भी निकल आने चाहिए। यानी जवान और पूरी तरह से स्वस्थ्य बकरे को ही कुर्बानी में इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि अधिकतम उम्र की कोई बंदिश नहीं है। जरूरी शर्त यह है कि कुर्बानी में इस्तेमाल होने वाला पशु बीमार नहीं होना चाहिए।
