पीलीभीत: किराए पर डिग्री लेकर कई झोलाछाप चला रहे अस्पताल, लगातार हो रही मौतों के बाद उठे सवाल...जिम्मेदारों की शह!
पीलीभीत, अमृत विचार : जनपद में अवैध क्लीनिक, अस्पताल और नर्सिंग होम तेजी से पनप रहे हैं। कई जगह तो डिग्री किसी की लगी हुई है लेकिन प्रैक्टिस कोई और ही कर रहा है। ये तरीका बीते कुछ समय में जनपद में झोलाछापों ने ढूंढ निकाला है। जिसमें कुछ जिम्मेदार भी शह दे रहे हैं।
झोलाछापों ने नर्सिंग होम और अस्पताल का संचालन करने के लिए नया फंडा निकाला है। जिसमें वह किराये पर डॉक्टरों की डिग्री लेकर अस्पताल का पंजीकरण कराकर संचालन कर रहे हैं। जब स्वास्थ्य विभाग की टीम निरीक्षण करने के लिए इन अस्पतालों में जाती है तो वह डॉक्टर की अस्पताल में लगी डिग्री दिखाते हैं, मगर अधिकांश निरीक्षण में मौके पर डिग्री वाले डॉक्टर मौजूद नहीं मिलते है। कई बार तो अफसर खुद भी इस पर संदेह करते हैं। नोटिस देकर जवाब मांगा जाता है लेकिन उसके बाद कार्रवाई को गति नहीं मिल पाती। इन पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है।
खुलेआम इन अस्पतालों के संचालनकर्ता मरीजों का इलाज डिग्री धारक डॉक्टर से नहीं बल्कि झोलाछाप और अप्रशिक्षित डॉक्टर से कराते हैं। शायद यही वजह है कि इस तरह के अस्पतालों में मरीजों की मौतें हो रही है। मगर जिम्मेदार सख्ती नहीं कर पा रहे। पूरनपुर के नर्सिंग होम में हुई घटना के बाद इस पर सवाल उठने लगे है। वहीं शहर के एक अस्पताल में भी जच्चा बच्चा की जान चली गई थी।
सीएमओ कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार जनपद में करीब 65 से अधिक नर्सिंग होम और निजी अस्पताल संचालित हो रहे है। जबकि 50 पैथोलॉजी लैब पंजीकृत हैं। झोलाछाप और फर्जी लैब संचालकों पर कार्रवाई के लिए एसीएमओ को नामित किया गया है। वहीं आयुर्वेदिक यूनानी में भी 325 क्लीनिक पंजीकृत हैं। यहां पर भी एक नोडल अफसर अवैध क्लीनिकों पर कार्रवाई के लिए नामित किए गए हैं। मगर धरातल पर इससे कई गुना क्लीनिक अस्पताल संचालित हो रहे हैं।
आलम ये है कि जिसकी डिग्री अस्पताल में टंगी है वह तो प्रैक्टिस को पहुंचते ही नहीं। ऑपरेशन से लेकर महिलाओं की डिलीवरी तक की जिम्मेदारी झोलाछाप या अप्रशिक्षित डॉक्टरों ने संभाल रखी है। जहां कपांउटर और अप्रशिक्षित स्टाफ नर्स प्रसव कर रही हैं। दो साल पहले पूरनपुर में इस तरह का मामला सामने आया भी था। जहां अस्पताल का पंजीकरण कराने के लिए जिस डॉक्टर की डिग्री लगाई गई थी। वह दिल्ली का रहने वाला है, लेकिन आज तक पीलीभीत नहीं आया था। मगर डिग्री पर अस्पताल का संचालन हो रहा था। उस मामले में शिकायत के बाद कार्रवाई दबा दी गई थी। इसके अलावा आवास विकास के पास स्थित एक अस्पताल में न्यूरिया की महिला की मौत के बाद भी फर्जी डिग्री का मामला प्रकाश में आया था।
तो दुकान की जगह में ही दे दी नर्सिंग होम संचालन की अनुमति
पूरनपुर में बीते कई सालों से झोलाछाप की भरमार हो गई है। हर गली नुक्कड़ पर अस्पताल और नर्सिंग होम का संचालन किया जा रहा है। जिनमें अधिकतर का पंजीकरण भी नहीं है। वहीं जिस रामा नर्सिंग होम में महिला का ऑपरेशन किया गया है। बताते हैं कि उसकी जगह भी मानकों के मुताबिक नहीं है। ये आरोप घटना के बाद से ही लग रहे हैं।
लोगों का कहना है कि एक तरह से दो दुकानों जितनी जगह में ही संचालन हो रहा था। जबकि नर्सिंग का संचालन करने के लिए डॉक्टर के अलावा भवन का भी मानक तय है। इतना ही नहीं इसका पंजीकण भी निरस्त हो चुका था, फिर भी मरीज देखे जा रहे थे। जिम्मेदार ये बात जानते थे लेकिन कार्रवाई करने की जहमत नहीं उठाई गई।
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