सितारगंज: 10 वर्ष पूर्व साथी की हत्या करने वाला यूपी का कुख्यात गिरफ्तार
साथी की हत्या कर खुद को मृत दर्शाने वाले को 10 वर्ष के बाद पुलिस ने बरेली से किया गिरफ्तार
सितारगंज, अमृत विचार। साथी की हत्या कर उसके शव का अपने ही नाम से पंचायतनामा करवाकर स्वयं का मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर, दस वर्ष से जिंदा घूम रहे कुख्यात अपराधी एवं षड्यंत्र में शामिल उसके भाई को, कोतवाली पुलिस गिरफ्तार किया।
कोतवाली परिसर में एसएसपी मंजूनाथ टीसी एवं एसपी सिटी मनोज कत्याल ने वारदात का अनावरण करते हुए कहा कि 29 जुलाई 2015 को अभियुक्त मुकेश यादव अपने ही गांव के रहने वाले मनिंदर की, सितारगंज क्षेत्र में हत्या कर शव को वाहन से बूरी तरह से कुचलवा दिया था। हत्या को दुर्घटना का रूप देकर, पहचान मिटाने के लिए, षड्यंत्र में अभियुक्त ने अपने परिजनों को भी शामिल कर लिया।
शव को अपनी पहचान देने के लिए उसके कपड़ों में, अपना नंबर,आधार कार्ड एवं अन्य दस्तावेज रख दी। घटना की जानकारी के बाद परिजनो से भी खुद के रूप में शव की पहचान कराई। अभियुक्त मुकेश यादव पर उत्तर प्रदेश में कई मुकदमे थे, उस पर गैंगस्टर की कार्यवाही भी हुई थी। इन मुकदमो से बचने के लिए, अभियुक्त द्वारा यह षड्यंत्र रचा गया। आरोपी ने बाद में अपने आधार कार्ड एवं अन्य दस्तावेजों में अपना नाम, मुकेश यादव दर्ज कराकर जिला शाहजहांपुर में रह रहा था।
पुलिस ने जांच के पश्चात मुकेश यादव, धर्मपाल, भीकम सिंह, सुधा और संगीता निवासी मुंडा पांडे उत्तर प्रदेश, पप्पू पुत्र कृष्णपाल निवासी लालपुर पट्टी खुर्द रामपुर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। पुलिस ने मुकेश यादव को शाहजहांपुर एवं उसके भाई धर्मपाल को, किच्छा रोड लालकुआं शमशान घाट के पास से गिरफ्तार किया। एसएसपी ने कहा कि पूछताछ में अभियुक्त मुकेश यादव ने कहा कि वह उत्तर प्रदेश में, होमगार्ड के रूप में वर्ष 1999 में तैनात थे।
उसकी ड्यूटी मुरादाबाद के थानों में ही रहती थी। उसके खिलाफ अवैध वसूली की शिकायत पर उसे बर्खास्त कर दिया गया था। जिसके बाद वह छोटे-मोटे अपराध करने लगा था। धीरे-धीरे उसने अपराध की दुनिया में अपनी पैठ बना ली थी। मुकेश के खिलाफ मुरादाबाद में कई मुकदमे पंजीकृत हो गए थे, इन मुकदमों से बचने के लिए मुकेश ने अपने परिवार वालों के साथ मिलकर, मनिंदर की हत्या की योजना बनाई एवं मनिंदर को मार कर उसके शव को अपनी पहचान दे दी।
करने लगा था प्रॉपर्टी का काम
जानकारी के अनुसार खुद को मृत साबित करने के बाद आरोपी मुकेश यादव ने मिलीभगत कर, अपने नाम लाखों रुपए बीमा के हासिल कर लिए, साथ ही उस पर दर्ज मुकदमे भी खत्म हो गए। इसके बाद वह शाहजहांपुर के थाना रोजा के मठिया कॉलोनी में, मुकेश यादव के नाम से रहने लगा, इस दौरान उसने अपनी प्रॉपर्टी और खुद के फर्जी कागज बना लिया और यहां पर प्रॉपर्टी का काम करने लगा।
एसएसपी ने की पुलिस टीम के लिए नगद पुरस्कार की घोषणा
घटना का त्वरित रूप से अनावरण करने वाली सितारगंज कोतवाली के पुलिस टीम को, एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने ढाई हजार रुपये नगद इनाम देने की घोषणा कर टीम की जमकर सराहना की। पुलिस टीम में पुलिस क्षेत्राधिकारी बहादुर सिंह चौहान, प्रभारी निरीक्षक भूपेंद्र सिंह बृजवाल, वरिष्ठ उप निरीक्षक कविंद्र शर्मा, उप निरीक्षक सुरेंद्र प्रताप, उप निरीक्षक जगदीश चंद्र तिवारी, सुरेंद्र सिंह दानू, राकेश सिंह, हेड कांस्टेबल कुंदन सिंह बोरा, विवेक कुमार, गिरीश चंद्र, भारत भूषण, मनोज जोशी, भूपेंद्र सिंह, दीप्ति कार्की एवं भूपेंद्र आर्य शामिल थे।