Exclusive: इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी के बहुरेंगे दिन, राहुल के सांसद चुने जाने के बाद बढ़ी आस, सुविधाओं का होगा विस्तार

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Published By Deepak Shukla
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कानपुर, (जमीर सिद्दीकी)। रायबरेली के फुरसतगंज हवाई अड्डे पर संचालित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी से एक दशक पहले तक निकलने वाली पायलटों की खेप दुनिया भर की एयर लाइंस में जहाज उड़ाती थी। वर्ष 1985 में खुले इस फ्लाइंग ट्रेनिंग सेंटर का कभी देश भर में रुतबा था। 

यह भारत में ऐसा पहला संस्थान था, लेकिन पिछले कुछ सालों से यह पायलट प्रशिक्षण केंद्र अपनी धमक और पहचान खोता जा रहा है। ऐसे में इस बार रायबरेली से राहुल गांधी के सांसद चुने जाने के बाद यहां पायलट बनने के लिए प्रशिक्षणरत युवाओं की इस उम्मीद को बल मिला है, कि अब केंद्र में सुविधाओं और सहूलियतों का विस्तार होगा।   

रायबरेली के फुरसतगंज हवाई अड्डे पर संचालित पायलट प्रशिक्षण केंद्र में इस समय 350 युवा-युवतियां विमान उड़ाने की ट्रेनिंग ले रहे हैं। लेकिन यहां चीफ फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर को लेकर समस्या थी। ऐसे में कुछ माह पहले कानपुर से  गर्ग एविएशन के मयंक गर्ग को चीफ फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर के रूप में अस्थाई तौर पर फुरसतगंज भेजा गया था, लेकिन उनका कार्यकाल 6 जुलाई को समाप्त हो रहा है। उनके बाद फुरसतगंज में नये चीफ फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर चार्ज संभालेंगे। 

संजय गांधी यहीं करते थे फ्लाइंग

पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बेटे संजय गांधी फुरसतगंज हवाई अड्डे पर ही फ्लाइंग किया करते थे। उन्हें विमान उड़ाने का बहुत शौक था। इसी के चलते संजय गांधी ने ही इस फ्लाइंग क्लब की नींव रखी थी। कानपुर स्थित गर्ग एविएशन के निदेशक विजय गर्ग नेबताया कि फुरसतगंज पायलट प्रशिक्षण केंद्र में मयंक गर्ग चीफ फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर के रूप में अस्थाई तौर पर गए थे। यह ट्रेनिंग सेंटर नागरिक उड्डयन मंत्रालय से संबद्ध है। फुरसतगंज ट्रेनिंग सेंटर में 350 से अधिक छात्र-छात्राएं पायलट बनने के लिए प्रशिक्षण ले रहे हैं।

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