ऊंचाहार-अमेठी रेल लाइन तीन जिले की जीवन रेखा, प्रमोद तिवारी ने सदन में उठाया ये बड़ा मुद्दा 

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Published By Jagat Mishra
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लालगंज/प्रतापगढ़ अमृत विचार। अधर में लटकी ऊंचाहार-अमेठी रेल लाइन परियोजना का मुद्दा संसद में गूंजा। राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने सदन में प्रतापगढ़ को आच्छादित करने वाली ऊंचाहार-अमेठी रेल लाइन परियोजना की शुरूआत न होने को लेकर सदन में गंभीरता से मामले को रखा। उन्होंने इस पर केन्द्र सरकार का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि प्रदेश के तीन महत्वपूर्ण जिलों प्रतापगढ़, अमेठी, रायबरेली को जोड़ने वाली यह रेल लाइन लोगों की जीवन रेखा है। 

प्रमोद तिवारी ने कहा कि इस रेल मार्ग की अनुमानित लम्बाई 67.17 किलोमीटर है, जिससे 81 गांव सुगम संसाधन से जुड़ेंगे। राज्यसभा सदस्य ने सदन में कहा कि रेल लाइन परियोजना का शिलान्यास  नवंबर 2013 को कांग्रेस नीत यूपीए सरकार के कार्यकाल में किया गया है,जिसकी डीपीआर भी तैयार हो चुकी है। कहा कि एक दशक से अधिक समय से परियोजना अधर में रखना दुर्भाग्यपूर्ण है। तीन जिलों में आर्थिक कारोबारी, औद्यौगिक वातावरण सृजन के लिए इस परियोजना को अविलंब क्रियान्वित किये जाने पर जोर दिया। अठेहा, सलोन और अमेठी के बीच कोई सीधी टैक्सी सेवा भी नहीं है। सदन में राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी के द्वारा ऊंचाहार-अमेठी रेल लाइन परियोजना से जुड़े वक्तव्य की जानकारी मंगलवार को यहां मीडिया प्रभारी ज्ञान प्रकाश शुक्ल ने जारी की।

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