कांवड़ यात्रा मार्ग में मांस की दुकानों को बंद करने के नगर निगम के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती

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Published By Jagat Mishra
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प्रयागराज, अमृत विचार। इलाहाबाद हाईकोर्ट में नगर निगम, वाराणसी द्वारा मांस की दुकानों को बंद करने के लिए जारी निर्देश को चुनौती देते हुए याचिका दाखिल की गई है। दरअसल नगर निगम ने यह निर्देश जारी किया है कि सावन के महीने में कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित मांस की दुकानों से गुजरते वक्त कांवरियों को परेशानी होती है, इसलिए कांवड़ मार्ग पर मांस की दुकानों को बंद करवा दिया जाए। इससे लगभग 100 दुकानें प्रभावित हो रही हैं। याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग करते हुए बताया गया है कि नगर निगम का निर्देश संविधान के अनुच्छेद 19(1)(जी) के तहत गारंटीकृत किसी भी व्यवसाय को करने की मौलिक स्वतंत्रता का उल्लंघन है। 

याचिका में यह भी बताया गया कि सावन में कांवड़ियों की प्रथा सदियों पुरानी है, जिसके दौरान मांस की दुकानें हमेशा खुली रहती थीं। इस तरह का निर्देश पारित करके अधिकारी पहचान के आधार पर बहिष्कार की भावना उत्पन्न करने का प्रयास कर रहे हैं। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष (कार्यकारी) मोहम्मद सुहैल द्वारा दाखिल याचिका में कहा गया है कि अधिकारियों ने इस तथ्य पर विचार किए बिना निर्देश पारित कर दिया कि उक्त निर्देश से दुकानदारों की आजीविका प्रभावित होगी। इस तरह का निर्णय व्यक्तिगत स्वतंत्रता और भोजन की पसंद के मौलिक अधिकार के उल्लंघन को बढ़ावा देता है, क्योंकि यह मांसाहार पसंद करने वाले लोगों को मनचाहा भोजन करने से रोकता है, साथ ही कोर्ट को यह भी बताया गया कि कई दुकानें किराए पर हैं और वर्ग विशेष की दुकानों के अचानक बंद होने से व्यवसाय तथा सामाजिक ताने-बाने पर बहुत बुरा असर पड़ेगा।

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