केरल भूस्खलन: मृतकों की संख्या बढ़कर हुई 93 हुई, बचाव अभियान में आई तेजी 

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Published By Jagat Mishra
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वायनाड (केरल)। केरल के पर्वतीय वायनाड जिले में मंगलवार तड़के कई जगहों पर भारी बारिश के बाद हुईं भूस्खलन की घटनाओं में कम से कम 93 लोगों की मौत हो गयी है तथा सैकड़ों लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका के कारण मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने बताया कि वायनाड में भूस्खलन के बाद अब तक 93 शव बरामद हो चुके हैं तथा 128 लोग घायल हुए हैं। उन्होंने बताया कि भूस्खलन में मरने वाले 34 व्यक्तियों के शवों की पहचान की जा चुकी है। मुख्यमंत्री ने बताया कि इनमें से 18 शव मृतकों के परिवारों को सौंप दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के पोथुकल में चलियार नदी से 16 शव मिले हैं, इसके अलावा शवों के टुकड़े भी बरामद किये गये हैं।

उन्होंने कहा कि कई लोगों फंसे होने या बह जाने की आशंका है और हम बचाव कार्य जारी रखेंगे । लोकसभा में विपक्ष के नेता और वायनाड के पूर्व सांसद राहुल गांधी ने संसद में इससे पहले दिन में कहा था कि भूस्खलन की घटनाओं में 70 से अधिक लोगों की मौत हुई है। भूस्खलन की घटनाएं मंगलवार तड़के हुईं जिससे अपने घरों में सो रहे लोगों को बचने का मौका भी नहीं मिल पाया। भूस्खलन ने तबाही के निशान छोड़े हैं। कई मकान जमींदोज हो गए हैं, नदियां उफान पर हैं और कई पेड़ उखड़ गए हैं। सेना, नौसेना और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के बचाव दल खराब मौसम के बीच पीड़ितों की तलाश कर रहे हैं और पीड़ित लोगों को आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए कई एजेंसियां ​​मिलकर काम कर रही हैं। 

एक वरिष्ठ सरकारी सूत्र के अनुसार, जिले के मेप्पडी के पर्वतीय क्षेत्रों में भारी बारिश के बाद कई भूस्खलन हुए हैं जिससे मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका पैदा हो गयी है। सूत्र ने बताया कि बचावकर्मियों को नदियों और कीचड़ से लोगों के अंग बरामद हो रहे हैं, इसलिए इस त्रासदी में मारे गए लोगों की सही संख्या का पता लगाना मुश्किल है। सूत्र ने बताया कि यह स्पष्ट नहीं है कि जो अंग मिल रहे हैं, वे एक ही व्यक्ति के हैं या कई व्यक्तियों के हैं। उसने बताया कि मृतकों में कई महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं और उनकी पहचान तथा पोस्टमार्टम के लिये के लिये शवों को विभिन्न अस्पतालों के मुर्दाघरों में ले जाया जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि भूस्खलन प्रभावित इलाकों में मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टमाला और नूलपुझा गांव शामिल हैं। 

केरल सरकार ने भूस्खलन में लोगों की मौत के बाद प्रदेश में दो दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। मुख्यमंत्री विजयन ने कहा कि राज्य सरकार इस घटना से बहुत दुखी है जिसमें कई लोगों की जान चली गयी है और संपत्ति को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा है। मुख्य सचिव वी. वेनू द्वारा जारी एक आधिकारिक अधिसूचना में 30 और 31 जुलाई को राजकीय शोक घोषित किया गया है। प्रोटोकॉल के अनुसार, इन दो दिनों में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा और सभी सरकारी कार्यक्रमों को रद्द किया जाएगा। बचाव दल मलबे में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। भारतीय सेना भी बचाव अभियान में शामिल हो गयी है। राज्य सरकार ने राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के अलावा पुलिस तथा दमकल कर्मियों को प्रभावित इलाकों में तैनात किया है। लोग फोन पर मदद की गुहार लगा रहे हैं और बचावकर्मी मलबे से लोगों को निकालने की कोशिशों में जुटे हैं। 

भूस्खलन से प्रभावित एक गांव के भयावह दृश्यों में से एक में, कीचड़ से लथपथ एक व्यक्ति को अपनी जान बचाने के लिए बाढ़ के पानी के तेज बहाव में एक विशाल चट्टान से चिपककर खड़े होने की कड़ी मशक्कत करते हुए देखा गया। असहाय स्थानीय निवासियों ने प्राधिकारियों से उसे तुरंत बचाने का अनुरोध किया। इस बीच, केरल सरकार ने बचाव अभियान में रक्षा बलों की मदद मांगी है। 122 इन्फैंट्री बटालियन (टीए) मद्रास की सेकेंड-इन-कमांड के नेतृत्व में 43 कर्मियों की एक टीम को बचाव प्रयासों में सहायता के लिए तैनात किया गया है। रक्षा सुरक्षा कोर (डीएससी) केंद्र, कन्नूर और कोझिकोड से प्रादेशिक सेना के 200 सैनिकों की अतिरिक्त टुकड़ियों, चिकित्सा दलों और उपकरणों को बचाव प्रयासों में लगाया गया है। फंसे हुए लोगों को तेजी से निकालने के लिए सुलूर के वायु सेना स्टेशन से भारतीय वायु सेना के दो हेलीकॉप्टर को प्रभावित इलाके में भेजा गया है। 

केरल सरकार के अनुरोध पर एझीमाला नौसैन्य अकादमी से नौसेना का एक दल भी बचाव प्रयासों में मदद करेगा। वायनाड में भूस्खलन से प्रभावित लोगों को आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए बहु-आयामी बचाव अभियान चलाया जा रहा है। केरल के मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में बताया कि पिनरायी विजयन के विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) कार्तिकेयन को बचाव अभियानों के साथ समन्वय करने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है। इसमें कहा गया है कि इस संबंध में स्थानीय स्वशासन विभाग के प्रधान निदेशक वी. संबाशिव राव को विशेष अधिकारी नियुक्त किया गया है। वह वायनाड से काम करेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भूस्खलन की घटनाओं में लोगों की मौत पर दुख व्यक्त किया और मुख्यमंत्री पिनराई विजयन को संकट से निपटने के लिए केंद्र से हर संभव मदद का आश्वासन दिया। 

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