Kanpur: 80 लाख रुपये से बना ई-बस एप ठप, स्मार्ट स्टॉप भी पड़े बेकार; अधिकतर जगह बेसहारा लोगों व जानवरों ने बनाया अड्डा

Kanpur: 80 लाख रुपये से बना ई-बस एप ठप, स्मार्ट स्टॉप भी पड़े बेकार; अधिकतर जगह बेसहारा लोगों व जानवरों ने बनाया अड्डा

कानपुर, अमृत विचार। स्मार्ट सिटी मिशन के तहत शहर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट को स्मार्ट बनाने के लिए पानी की तरह धन बहाया गया, लेकिन जनता के किसी काम नहीं आया। शहर में ई-बसों की लोग ऑनलाइन टिकट बुक कर सकें और रुट, लोकेशन तथा समय सारिणी जान सकें, इसके लिए एप तो बना दिया गया, लेकिन 80 लाख रुपये खर्च करके बनाया गया यह एप सिर्फ दिखावा बनकर रह गया। 

एप के जरिए शहरवासी न तो ऑनलाइन टिकट बुक कर सकते हैं, न ही बसों की लोकेशन ट्रेस कर सकते हैं। कब, कौन सी बस उन्हें कहां मिलेगी इसकी भी कोई जानकारी एप से नहीं हो रही है। इसके साथ ही स्मार्ट बस स्टॉप भी बेकार पड़े हैं।    

शहर में 13 रूटों पर 100 ई-बसें संचालित हैं। हालांकि इनमें 10 फीसदी बसें खराब होने से वर्तमान में सड़कों पर नहीं दौड़ रही हैं। ई-बस सुविधा को हाईटेक बनाने के लिये कानपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने स्मार्ट बस स्टॉप और कियोस्क स्थापित करने के साथ ई-बस एप्लीकेशन तैयार किया गया था। 

इसके माध्यम से जनता घर बैठे ई-बसों की लोकेशन ट्रैक करने के साथ टिकट बुकिंग और समय सारिणी जान सकती थी। लेकिन वर्तमान में इस एप पर बसों के रूट में स्टॉप तो दिख रहे हैं पर बस कहां दौड़ रही हैं या कहां खड़ी है, कितनी देर में आयेगी इसकी कोई जानकारी एप नहीं दे रहा है। ऑनलाइन टिकटिंग की सुविधा भी नहीं मिल रही है।  

30 स्मार्ट स्टॉप कर रहे बसों का इंतजार

शहर में 30 स्मार्ट बस स्टॉप एक साल से बनकर तैयार खड़े हैं, लेकिन इन पर आज तक एक भी बस नहीं रुकी है, और न ही इन स्टॉप पर सवारियां खड़ी होकर बस का इंतजार करती हैं। बस स्टॉप पर एलईडी बोर्ड लगने थे, जिन पर कौन सी बस कब कितनी देर में आएगी इसका डिस्प्ले होना था। लेकिन यह सुविधा शुरू ही नहीं हुई है। ऐसे में अधिकतर स्टॉप पर बेसहारा लोगों और जानवरों ने अड्डा बना लिया है। इन स्टॉप पर बने कियोस्क जरूर किराये पर उठा दिये गए हैं।  

ई-बस एप शुरू किए एक साल हो गया है, जो समस्या आ रही है वह कानपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड की ओर से आ रही है। वह रूट बदल देते हैं। इस संबंध में ज्यादा जानकारी आईटी मैनेजर ही दे सकते हैं। - आरके सिंह, नोडल अधिकारी, स्मार्ट सिटी मिशन

ई-बस अप्लीकेशन के लिए हमें डेटा बसों से ही मिलता है। अगर रूट पर बसें नहीं चलेंगी तो एप पर नहीं दिखेंगी। तकनीकी टीम से एप को दिखवाकर जो समस्या आ रही है, उसे जल्दी ही दूर करेंगे। - राहुल सब्बरवाल, आईटी मैनेजर, कानपुर स्मार्ट सिटी

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