बाराबंकी: अब केदारीपुर गांव को अपने आगोश में लेने को बरकरार सरयू नदी
बबुरी के 51 घरों को डुबाकर खत्म किया गांव का अस्तित्व
सूरतगंज/बाराबंकी, अमृत विचार। शनिवार को सरयू नदी का जलस्तर स्थिर रहा, लेकिन तमाम गांवों में बाढ़ का पानी भरा हुआ है। वहीं कटान की गति में लगातार इजाफा होता जा रहा है। इस कारण बबुरी के 51 घरों को नदी ने अपने आगोश पर लेकर गांव का अस्तित्व ही समाप्त कर दिया है। बबुरी के बाद अब केदारीपुर गांव को नष्ट करने के लिए भी सरयू बेताब दिख रही है। कटान से बचने के लिए पीड़ित आशियाने को तोड़कर ईंट, सरिया, दरवाजे और खिड़की आदि सुरक्षित करने पर लगे हैं। तो पहाड़ पर हो रही बारिश से जलस्तर बढ़ने की उम्मीद है। वहीं बाढ़ ग्रस्त इलाकों में भी हो रही बारिश ने भी लोगों की मुसीबतें बाढ़ दी है।
सूरतगंज ब्लाक के बाढ़ प्रभावित इलाके हेतमापुर के तटवर्ती गांव से होकर गुजरी हुई घाघरा नदी कटान कर तबाही मचाने में जुटी हुई है। खेती योग्य भूमि की कटान के बाद नदी ने एक सप्ताह में 51 परिवारों को बेघर कर दिया। वहीं किसी तरह लोगों ने आशियानों पर हथौड़ा चलाकर, गृहस्थी का सामान निकाल दो दिन स्कूलों में शरण ली, परंतु शुक्रवार को नदी ने कंपोजिट विद्यालय बबुरी को भी आगोश में लेकर, बाढ़ पीड़ितों को दूसरे स्कूल, सड़कों व अस्थाई डेरे में शरण लेने के लिए मजबूर कर दिया था। शेष बचे घर के लोग स्वयं घर तोड़कर सुरक्षित स्थान पर पलायन कर रहे हैं।
वहीं नदी बबुरी के बाद अब केदरीपुर गांव को अपनी आगोश में लेने के लिए कटान करते हुए आबादी की ओर बढ़ रही है। नदी और गांव के बीच में सिर्फ चंद कदम का फैसला बचा हुआ है। कटान के साथ बाढ़ के चलते पीड़ितों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बारिश से लोग सहमे हुए हैं। सरयू का पानी भी अभी और बढ़ने की आशंका बरकरार है।
नदी के मुहाने पर इनके घर
केदारीपुर गांव में रामशंकर दीक्षित, दुर्गा, छोटे, राजेंद्र, मलखे, अनिल कुमार, रूपरानी, सुरेश, ननके, प्रवेश, रिंकू, चंद्रभूषण और अनिल सहित डेढ़ दर्जन लोगों के घर नदी के मुहाने पर हैं। जिन्हें नदी किसी वक्त अपने आगोश में लेकर लोगों को बेघर कर सकती है। तो विनय कुमार मिश्रा, प्रेम दीक्षित, गुड्डू मिश्रा, सुरेश और बाबूराम पाण्डेय आदि पीड़ित कटान के चलते अपना कीमती सामान सुरक्षित स्थानों की ओर पहुंचाने में जुट गए हैं। यहां करीब 60 घर हैं। इस गांव में लगभग तीन सौ की आबादी रहती है।
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