बरेली : ग्रीन पार्क कांड... सवाल बेशुमार लेकिन जवाब फिलहाल एक भी नहीं

Amrit Vichar Network
Published By Pradeep Kumar
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बरेली, अमृत विचार। आसपड़ोस के लोगों और परिचितों के मुताबिक आलोक तोमर और रितु दोनों ही मृदुभाषी थे। कई साल से वे ग्रीन पार्क में रह रहे थे, लेकिन कभी किसी से विवाद नहीं हुआ। कुछ लोग घर के अंदर दोनों का अक्सर आपस में झगड़ा होने की बात जरूर कह रहे हैं लेकिन यह दावा करने की स्थिति में नहीं है कि पति-पत्नी का सामान्य सा लगने वाला यह विवाद जान लेने और देने की नौबत तक पहुंचा होगा।

आलोक तोमर और रितु की मौत को लेकर फिलहाल तमाम सवाल हैं लेकिन स्पष्ट जवाब एक का भी नहीं है। आलोक संपन्न किसान थे और जीवनयापन से जुड़ी कोई दिक्कत नहीं थी। पति पत्नी के जीवन में अगर सबसे बड़ी कमी थी तो यह कि शादी के 21 साल बाद भी उनके कोई औलाद नहीं थी। आलोक के एक दोस्त के मुताबिक आलोक मूलरूप से बागपत जिले के गांव कासिमपुर खेड़ी के रहने वाले थे। करीब 10 साल पहले परिवार के साथ आकर रामपुर बाग में रहने लगे थे। बाद में अपना घर आशीष रायल पार्क में बना लिया था जहां उनके छोटे भाई अल्केश तोमर का परिवार भी रह रहा था। कोरोना काल में अल्केश की मौत होने के बाद वह पत्नी के साथ ग्रीन पार्क आकार रहने लगे थे।

रिश्ते के चाचा पूर्व मेयर डॉ. आईएस तोमर ने बताया कि आलोक दो दिन पहले उनसे मिले थे। उस समय उसने कोई परेशानी नहीं बताई थी और बात भी सामान्य तरीके से की थी। यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि ऐसा क्या हुआ कि उन्होंने आत्महत्या कर ली। आसपास के लोगों का कहना है कि आलोक देर रात बहेड़ी में अपने फार्म हाउस से घर लौटते थे। इसलिए उनका कॉलोनी के लोगों से संपर्क कम ही हो पाता था।

पड़ोस की एक महिला ने बताया कि पति पत्नी के बीच अक्सर विवाद होता था। घर में दोनों झगड़ते थे, लेकिन बाहर सामान्य दिखते थे। हो सकता है कि शनिवार को भी दोनों में विवाद हुआ हो।

परिचितों ने खारिज कर्ज की वजह से जान देने की आशंका
घटना के बाद लोग अलग-अलग बातें कह रहे हैं। कोई कर्ज की समस्या से परेशान होकर आत्महत्या करने की बात कह रहा है, तो कोई 21 साल बाद भी औलाद न होने के कारण दोनों के अवसाद में रहने की बात कह रहा है। हालांकि कर्ज को वजह बताने का उनके परिचितों ने खंडन किया है। उनका कहना है कि आलोक तोमर अच्छे किसान थे और उनकी करीब 30 एकड़ बहेड़ी में खेती की जमीन है। बेहतरीन फार्म हाउस भी बना हुआ है। इसके अलावा वह ठेकेदारी भी करते थे। परिजनों ने भी कर्ज होने की बात से भी इन्कार किया है।

सुबह 10 बजे के आसपास हुई घटना
सुबह 10-11 बजे के बीच घटना होने की बात सामने आ रही है। आसपास के लोगों ने बताया कि सुबह 9 बजे के बाद दूधिया दूध देकर चला गया। रितु ने दूध गर्म होने के लिए गैस पर रखा था। उसके बाद ही घटना हुई है, क्योंकि रसोई में गैस पर रखा दूध पूरी तरह जल चुका था। 11 बजकर 8 मिनट पर बजे एक दोस्त ने दो बार कॉल की थी, लेकिन आलोक का फोन नहीं उठा। संभवत: उसी वक्त आलोक ने गोली मारकर आत्महत्या की होगी। जब दोपहर 1 बजे जब काम करने वाली महिला आई तो हकीकत पता चली। घर में दाखिल होने पर गैस से जले दूध की दुर्गंध आ रही थी और धुआं भी फैला हुआ था। गैस बंद करके मधु राणा कमरे में दाखिल हुईं तो उन्होंने बहन रीतू और बहनोई आलोक के शव बेड पर पड़े देखे तो उनकी चीख निकल गई।

बेडरूम में दोनों के शव के पास पड़ी थी पिस्टल
बेडरूम में दोनों के शव बेड पर पड़े थे। आलोक के पास में पिस्टल पड़ी थी। पुलिस को मौके से दो खोखे भी बरामद हुए हैं। एक डिब्बा कारतूस भी बरामद हुए हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने इंस्पेक्टर अमित कुमार पांडेय को आसपास के सीसीटीवी भी खंगालने के निर्देश दिए हैं।

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