32 घंटे 50 किमी तक तलाश, नहीं मिली कामयाबी, उप निदेशक की तलाश में बिठूर तक चलाया गया सर्च ऑपरेशन

निजी मेडिकल कॉलेज के उप निदेशक की तलाश में बिठूर तक चलाया गया सर्च ऑपरेशन

32 घंटे 50 किमी तक तलाश, नहीं मिली कामयाबी,  उप निदेशक की तलाश में बिठूर तक चलाया गया सर्च ऑपरेशन

-पुलिस उपायुक्त पश्चिम राजेश कुमार सिंह घाट पर ही डटे रहे, नाव और स्टीमर से एनडीआरएफ, एसडीआरएफ ने की तलाश

बिल्हौर (कानपुर) अमृत विचार। बिल्हौर के नानामऊ गंगा घाट पर शनिवार को नहाते समय डूबे वाराणसी के एक प्राइवेट मेडिकल कॉलेज के उप निदेशक डॉ.आदित्यवर्धन सिंह उर्फ गौरव की तलाश में रविवार को भी सुबह से शाम तक सर्च ऑपरेशन चलाया गया। 32 घंटे 50 किलोमीटर तल सर्च ऑपरेशन चलाए जाने के बाद भी अभी तक कोई कामयाबी नहीं मिली है।

लखनऊ के इंदिरा नगर में रहने वाले पूर्व सीएमओ एवं वाराणसी के एक प्राइवेट मेडिकल कॉलेज के डिप्टी डायरेक्टर डॉ.आदित्यवर्धन सिंह उर्फ गौरव (45) शनिवार को इंदिरा नगर लखनऊ निवासी अपने दोस्त प्रदीप तिवारी पुत्र विजय बहादुर तिवारी और उन्नाव के बांगरमऊ क्षेत्र के पतासिया निवासी योगेश्वर मिश्रा पुत्र विनोद कुमार मिश्रा के साथ गंगा स्नान करने नानामऊ गंगा घाट पहुंचे थे। यहां नहाते समय आदित्य वर्धन गहरे पानी में समा गए। जब तक दोस्त बचाने की कोशिश करते, तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

कुछ स्थानीय मछुआरों ने तलाश करने की कोशिश की, लेकिन कामयाबी नहीं मिली। इसके बाद बिल्हौर पुलिस ने स्थानीय गोताखोरों की मदद से सर्च आपरेशन शुरू कराया था, लेकिन देर शाम तक कोई सुराग नहीं लगा। रविवार सुबह 8 बजे फिर सर्च ऑपरेशन शुरू हुआ। डीसीपी पश्चिम राजेश कुमार सिंह की मौजूदगी में एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमों ने स्टीमर के जरिए तलाश की। 

एक टीम ने नानामऊ घाट से शिवराजपुर खेरेश्वर मंदिर और दूसरी टीम ने बिठूर तक सर्च ऑपरेशन चलाया। नानामऊ घाट से बिठूर की दूरी करीब 50 किलोमीटर है। एक तरफ एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें तलाश में जुटी रहीं, वहीं दूसरी ओर स्थानीय गोताखोरों की टीम नानामऊ घाट से पांच किलोमीटर दूर तक नाव के लिए तलाश में जुटी रही, लेकिन शाम करीब साढ़े छह बजे तक कोई कामयाबी नहीं मिल सकी। सांझ ढलने के बाद सर्च ऑपरेशन रोक दिया गया।

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समय गुजरने के साथ ही टूट रहीं उम्मीदें

जैसे-जैसे समय गुजरता जा रहा है, वैसे ही परिवार की उम्मीदें टूटती जा रही हैं। पारिवारिक जनों के साथ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निजी सचिव एवं आदित्य वर्धन के चचेरे भाई अनुपम सिंह भी रविवार को पहुंच गए और सर्च ऑपरेशन के दौरान घाट पर मौजूद रहे। महाराष्ट्र में जज पत्नी श्रेया मिश्रा के आने की चर्चा रही, लेकिन वह घाट पर नहीं आईं।

गंगा नहाने के बाद जाना था पैतृक गांव

बांगरमऊ। लखनऊ में रहने वाले रिटायर्ड इंजीनियर रमेश चंद्र के बेटे उप निदेशक आदित्यवर्धन सिंह उर्फ गौरव को गंगा नहाने के बाद बेहटा मुजावर थाना क्षेत्र के कबीरपुर खंभौली पैतृक गांव जाना था, लेकिन इसके पहले ही वह गंगा में समा गए। 

गोताखोर ने लौटाए रुपये और खोजबीन में जुटा 

बांगरमऊ। गंगा घाट पर मौजूद परिजन चर्चा करते रहे कि यदि वहां मौजूद गोताखोरों ने रुपये ट्रांसफर कराने के लिए देर न की होती और तुरंत नदी में छलांग लगा देते तो गौरव को बचाया जा सकता था। रविवार को पुलिस के जेल भेजने की धमकी से भयभीत होकर गोताखोर शैलेश ने रुपये वापस कर दिया और गोताखोरों के साथ गंगा नदी में खोजबीन भी करता रहा।

बाढ़ से दिक्कत, पर टीम को पूरा भरोसा

बांगरमऊ। एसडीआरएफ टीम के दरोगा कुमार सौरभ ने बताया कि इटावा पोस्ट से आई टीम में लाइफ जॉकेट के साथ अनिल, सुधांशु, आलोक, नितिन और प्रमोद सहित कुल 14 सदस्य शामिल हैं। मोटरबोट में लोहे का मजबूत पंजा लगा है, जो मिट्टी में दबे शव को भी खोदकर बाहर निकाल सकता है। उन्होंने भरोसा जताया कि गंगा में डूबे गौरव की खोज में कामयाबी अवश्य मिलेगी।

आज सुबह फ्लाइट से पहुंचेंगे माता-पिता

बांगरमऊ। चाचा शिवकुमार ने बताया कि आदित्यवर्धन सिंह के पिता रमेश चंद्र अपनी पत्नी के साथ आस्ट्रेलिया से चल चुके हैं। फ्लाइट से दिल्ली होते हुए सोमवार सुबह यहां पहुंच जाएंगे। गंगा घाट पर प्रधान अजय बहादुर सिंह, अरविंद कनौजिया, डॉ. अजेंद्र, डॉ. रवीश और प्रदीप कनौजिया के साथ सैकड़ों परिजन, रिश्तेदार और ग्रामीण मौजूद रहे।

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