40 लाख से ज्यादा अकाउंट पर हैकर्स की नजर, Amazon से लेकर Netflix तक नहीं सेफ! कंपनी ने किया बड़ा खुलासा

Amrit Vichar Network
Published By Muskan Dixit
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अमृत विचारः देशभर में साइबर ठगी के मामलों में लगातार इजाफा होता चला जा रहा है। आए दिन कोई न कोई इन स्कैमर्स के झांसे में आ जाता है और अपने लाखों, करोड़ों की कमाई को खो देता है। इस तरह के खतरों के बारे में समय-समय पर साइबर सिक्योरिटी फर्म्स लोगों को सचेत किया करती हैं। हाल ही में Kaspersky Cyber Security Company ने एक जानकारी शेयर की है जिसमें कंपनी ने पासवर्ड चोरी करने वाले मामलों में भी काफी बढ़ोतरी दर्ज की है। इस लिस्ट में अमेजन, गूगल यूजर्स, फेसबुक यूजर्स को ज्यादा टारगेट किया जा रहा है।

गूगल, इंस्टाग्राम, फेसबुक और अमेजन यूजर्स को ठग ज्यादा निशाना बना रहे हैं। हैकर्स यूजर्स के अकाउंट्स में सेंध लगाकर डेटा चोरी, मैलवेयर डिस्ट्रिब्यूशन, क्रेडिट कार्ड फ्रॉड जैसे साइबर क्राइम को अंजाम दे रहे हैं। अगर स्कैमर्स के हाथ में गूगल अकाउंट का एक्सेस आ गया तो इसका मतलब है कि आपकी पूरी की पूरी जन्म कुंडली युजर्स के पास चली गई है। साइबर अपराधी जरूरी पासवर्ड और डेटा पर भी भारी हमला करते हैं, जिसकी संख्या साल-दर-साल लगभग 1.5 गुना बढ़ रही है। 

Kaspersky के चौंकाने वाले आंकड़े

Kaspersky के मुताबिक साल 2024 में पहले छह महीने में सबसे ज्यादा गूगल अकाउंट्स को टारगेट करने की काफी कोशिश की गई है। इन मामलों की संख्या 243 परसेंट बढ़ी है। मास्टरकार्ड में संवेदनशील डेटा और पैसे चुराने के प्रयासों में 210 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। वहीं 40 लाख प्रयासों को Kaspersky सिक्योरिटी सॉल्यूशन ने खुद ब्लॉक भी किया है। ये संख्या पिछले साल की तुलना में काफी ज्यादा है। कंपनी के मुताबिक फेसबुक यूजर्स पर 37 लाख फिशिंग अटैक हुए हैं। इसके अलावा अमेजन यूजर्स पर 30 लाख अटैक दर्ज किए गए हैं। टॉप 10 की बात की जाए तो ये रोजमर्रा के इस्तमाल करने वाला एप है। जिसमें Microsoft, PayPal, Mastercard, Apple, DHL, Netflix और Instagram भी शामिल हैं।

कैसे टारगेट करते हैं स्कैमर्स?

स्कैमर्स पासवर्ड को हैक करने के लिए डायरेक्ट कॉल करते हैं या फिर टेक्स्ट मैसेज। अमेरिका में 130 से ज्यादा ऑर्गेनाइजेशन को इन साइबर ठग अपना टारगेट बनाने की कोशिश की है। इसके अलावा लोगों को QR कोड के जरिए भी निशाना बनाया जा रहा है। आप इससे बचने के लिए साइबर सिक्योरिटी सर्विस प्रोवाइडर्स की मदद ले सकते हैं.

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