Lohia Institute: मोबाइल ही नहीं स्मार्ट वॉच से भी चल रहा वसूली का खेल, जांच के दौरान मिले कई तथ्य

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Published By Muskan Dixit
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लखनऊ, अमृत विचार: डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में मोबाइल ही नहीं स्मार्ट वॉच (घड़ी) से भी पंजीकरण के नाम पर मरीजों-तीमारदारों से वसूली हो रही है। इसका खुलासा वसूली के आरोपों की जांच कर रही टीम की पड़ताल के दौरान हुआ है।

लोहिया संस्थान में 100 रुपये में ओपीडी पंजीकरण होता है। कई विभागों में मरीजों की संख्या सीमित है। इससे मरीजों का दबाव अधिक रहता है। बहुत से मरीज ओपीडी में नहीं दिखा पा रहे हैं। संस्थान के कुछ डॉक्टरों की व्यवस्था का फायदा संविदा कर्मचारी उठा रहे हैं। पंजीकरण के नाम पर 300-300 रुपए तक वसूल रहे हैं। बीते दिनों चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विक्रम सिंह के निरीक्षण में मामला पकड़ में आया था। इसके बाद दो संविदा कर्मचारियों को अवैध वसूली के आरोप में नौकरी से निकाल दिया है। आरोपित कर्मचारियों के मोबाइल पर वॉटसएप चैट व पैसे के लेने-देन संबंधी सुबूत मिले हैं। दो सदस्यीय टीम अन्य कर्मचारियों की जांच कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि दलाली रोकने व बातचीत में समय गंवाने से बचाने के लिए काउंटर में जाने से पहले कर्मचारियों से मोबाइल बाहर ही जमा कराया जा रहा है। इससे कुछ कर्मचारियों ने स्मार्ट वॉच से दलाली का तरीका निकाल लिया है। मोबाइल स्मार्ट वॉच से जुड़ा रहता है। ऐसे में वॉटसएप पर आने वाले संदेश को स्मार्ट वॉच पर देखकर उसका जवाब भी दिया जा सकता है। टीम ने ऐसे कुछ कर्मचारियों को चिन्हित कर लिया है। जल्द कार्रवाई भी हो सकती है।

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