मुरादाबाद : महानगर की बेटी अमेरिका में जगा रही हिंदी की अलख, दो लाख से अधिक बच्चों को दे चुकीं शिक्षा

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Published By Bhawna
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चंदननगर निवासी कादंबरी आदेश कई वर्षों से चला रहीं शिक्षण संस्थान, भारतीय मूल के लोगों को अपनी संस्कृति से जोड़ने का कर रही कार्य

मुरादाबाद, अमृत विचार। संगीत घराने से ताल्लुक रखने वाली कादंबरी आदेश विदेश में रहकर हिंदी और हिंदू संस्कृति की लोगों में अलख जगा रही हैं। साथ ही विदेशों में रहने वाले भारतीय लोगों को अपनी मूल धारा से जोड़ने का काम भी कर रही हैं। पिता से विरासत में मिला संगीत आज विदेश में उनकी पहचान बन चुका है। अमेरिका, कनाडा व वेस्टइंडीज में भारतीय विद्या संस्थान चलाकर बच्चों को भारतीय परंपरा से जोड़ रही हैं। वह विदेशों में रहने वाले भारतीयों को भारतीय संस्कृति, प्राचीन व धार्मिक ग्रंथों व संगीत से जोड़कर महानगर व देश का नाम रोशन कर रही हैं।

महानगर आई कादंबरी आदेश ने बताया कि वह एक संगीत घराने से ताल्लुक रखती हैं। उनके पिता भी बड़े गजलकार थे। उनकी शादी 1992 में भारत के मशहूर कवि हरीशंकर आदेश के पुत्र विवेक शंकर आदेश से हुई। यह परिवार पहले से ही वेस्टइंडीज में निवास कर रहा था। जिसके बाद वह भी वेस्टइंडीज में शिफ्ट हो गई। इसके बाद वहां रहने वाले लोगों को अपने संगीत से जोड़ना शुरू किया। इस प्रकार यह काफिला बढ़ता गया। कुछ समय बाद परिवार के साथ कनाडा और फिर अमेरिका तक का सफर तय किया।

इस दौरान उन्होंने विदेश में रहने वाले भारतीय को हिंदी और हिंदू संस्कृति से परिचित कराने का काम शुरू किया। क्योंकि विदेश में लंबे समय से रहने वाले भारतीय परिवार और बच्चे अपनी संस्कृति से दूर होने लगे थे। कुछ समय बाद उन्होंने भारतीय विद्या संस्थान खोलकर लोगों व बच्चों को भारतीय संस्कृति, धार्मिक पुस्तकों व मातृभाषा हिंदी के प्रति जागरूक किया। कादंबरी की मेहनत कुछ समय बाद रंग लाई और भारतीय समुदाय के लोग उनके साथ जुड़ने लगे। अब लोगों को आनलाइन वर्कशॉप के साथ भारतीय संस्कृति व हिंदी से जोड़ने का कार्य कर रही हैं।

कोरोना काल में संगीत बना तनाव की दवा
कोरोना में जब लोग काल का ग्रास बनने लगे थे। ऐसे में बच्चों से लेकर बुजुर्गों में कोरोना की वजह से मानसिक तनाव बढ़ने लगा था। इसी को देखते हुए कादंबरी ने आनलाइन का सही इस्तेमाल कर लोगों को संगीत से जोड़ने का काम किया। जिसके बाद लोगों का मानसिक तनाव कम हुआ।

दो लाख से अधिक बच्चों को दे चुकीं शिक्षा
भारतीय विद्या संस्थान के माध्यम से कादंबरी दो लाख से अधिक बच्चों को शिक्षा दे चुकी हैं। इस संस्थान में सभी वर्ग के बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं। इस संस्थान के माध्यम से लोगों को भारतीय संस्कृति के साथ रामायण, भागवत गीता व अन्य धार्मिक पुस्तकों की जानकारी दी जा रही है। साथ ही बच्चे भी अपनी प्राचीन भारतीय संस्कृति से परिचित हो रहे हैं।

चार वर्ल्ड रिकार्ड किए अपने नाम
कादंबरी ने अपने काम के बल पर चार वर्ल्ड रिकार्ड अपने नाम कर लिए हैं। पहला सोशल मीडिया पर वंदे मातरम् गीत, दूसरा आनलाइन माध्यम से अखंड रामायण, तीसरा भारत के पर्व व त्योहार, चौथा चांद पर तिरंगा गीत शामिल हैं। इतना ही नहीं अलग-अलग मंच पर विदेश व देश में उनको भी सम्मानित किया जा चुका है।

पूरा परिवार अमेरिका में बिखेर रहा जलवा
अमेरिका में कादंबरी के पति भी बच्चों को पढ़ाने के साथ उनका सहयोग करते हैं। इनकी तीन बेटियां हैं, तीनों संगीत से जुड़ी हुई हैं। तबला, हरमोनियम व सितार बजाना जानती हैं। वह अपने गीत भी लिखती हैं और स्वयं गीत भी गाती हैं। इनके गीत नमो-नमो कर रहा विश्व, भारत माता के चरणों पर आदि गीत यूट्यूब व अन्य प्लेटफार्म पर प्रसारित हैं।

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