मुरादाबाद : 2005 में मैं भी आप ही लोगों की तरह थी, लक्ष्मी अग्रवाल ने सुनाई आपबीती

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Published By Bhawna
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दिल्ली के खान मार्केंट की रहने वालीं लक्ष्मी अग्रवाल ने सुनाई आपबीती, बोलीं- तेजाब पीड़िताओं के लिए लगातार लड़ती रहूंगी लड़ाई

मुरादाबाद, अमृत विचार। पंचायत भवन सभागार में मिशन शक्ति अभियान फेज-पांच के तहत आयोजित कार्यक्रम की मुख्य अतिथि तेजाब पीड़िता लक्ष्मी अग्रवाल ने कहा कि मैं भी 2005 में आप ही लोगों की तरह थी। लेकिन, कुछ दरिंदों ने मेरी ऐसी हालत कर दी। हालाकि, मेरे जज्बों को वह कम नहीं कर सके। उन्होंने कहा कि उनके शरीर में जब-तक जान है, तब-तक वह तेजाब पीड़िताओं की मदद करती रहेंगी। महिलाओं और युवतियों को अपनी कामयाबी तक जाने के लिए हर समस्याओं से लड़ने के लिए भी प्रेरित किया। उनका संबोधन शुरू होते ही पंचायत भवन तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।

दिल्ली के खान मार्केट में रहने वाली लक्ष्मी ने बताया कि उन पर महज 15 साल की उम्र में तेजाब से हमला किया गया था। स्कूल में पढ़ने वाली लक्ष्मी पर उनसे दोगुनी उम्र का युवक शादी के लिए दबाव डाल रहा था। इससे इनकार करने पर 22 अप्रैल 2005 को उसने लक्ष्मी के चेहरे पर तेजाब फेंक दिया था। लक्ष्मी ने अपने संबोधन में बताया कि वह उनके चेहरे को बिगाड़ना चाहता था, जिससे अगर वह उसकी नहीं हो पाई तो किसी और की भी न हो सके। उन्होंने बताया कि ढाई माह अस्पताल में बिताने के बाद जब घर लौटी थी तो घर से सारे शीशे हटा दिए गए थे। बहुत कोशिश के बाद पहली बार शीशे में अपना चेहरा देखा तो वह डर गई।

लक्ष्मी ने बताया कि उनके मुंह पर तेजाब फेंकने वाले उस आदमी के साथ एक लड़की भी शामिल थी। लक्ष्मी ने एसिड अटैक के खिलाफ सबसे बुलंद आवाज उठाई। कोर्ट में जनहित याचिकाएं तक डालीं। लक्ष्मी के इसी जज्बे को देखते हुए 2014 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की पत्नी मिशेल ओबामा ने उन्हें ‘इंटरनेशनल वूमेन ऑफ करेज’ अवॉर्ड से नवाजा भी था। लक्ष्मी 2016 में लंदन फैशन वीक में हिस्सा लेकर सुर्खियां भी बटोर चुकी हैं।

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