कासगंज के MBBS छात्र की चीन में हार्ट अटैक से मौत, भारत नहीं आ पाया शव
कासगंज, अमृत विचार: चीन में एमबीबीएस की पढ़ाई करने गए पूर्व ब्लॉक प्रमुख के 25 वर्षीय बेटे की 24 दिसंबर को हार्ट अटैक से मौत हो गई। उनका चीन में अंतिम संस्कार किया गया। परिजनों को वीडियों कांफ्रेंस के जरिए अंतिम संस्कार दिखाया गया। घटना को लेकर मृतक छात्र के परिजनों में कोहराम मच गया। परिजन बेटे के अंतिम संस्कार में भी शामिल नही हो सके।
गांव रामपुर निवासी पूर्व ब्लॉक प्रमुख श्रीरामनिवास का 24 वर्षीय बेटा प्रियेश, जोकि चीन में रहकर एमबीबीएस की पढ़ाई करने वर्ष 2018 में गए हुए थे। चीन में रहकर उन्होंने पढ़ाई पूरी की। इस समय वह इंटर्नशिप कर रहे थे। 25 दिसंबर की सुबह उनकी तबियत खराब हो गई। हॉस्टल से उन्हें हुबेई यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसिन अस्पताल ले जाया गया। जहां 25 दिसंबर की रात 1:30 बजे मौत हो गई। उनकी मौत की सूचना गांव रामपुर में दी गई। घटना की सूचना मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया। छात्र की मौत होने से परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है।
केंद्र और विदेश मंत्रालय से शव लाने की लगाई गुहार
भारतीय छात्र के परिजनों ने चीन से शव लाने के लिए केंद्र सरकार और विदेश मंत्रालय से गुहार लगाई, लेकिन शव लाने की अनुमति नहीं मिली। उनके शव को लाने के लिए 40 दिन से 45 दिन का समय बताया गया। लाख कवायद के बावजूद भी प्रियेश के शव भारत वापस नहीं हो सका।
वर्ष 2018 में लिया था हुबेई यूनिवर्सिटी में दाखिला
पूर्व ब्लॉक प्रमुख श्रीराम निवास के 24 वर्षीय बेटे प्रियेश राजपूत ने वर्ष 2018 में शियान की हुबेई यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसिन अस्पताल में दाखिला लिया था। वर्ष 2020 में कोविड कॉल में प्रियेश अपने गांव आ गए थे। यहां रहकर ऑनलाइन पढ़ाई की। बाद में वह वर्ष 2021 में दिल्ली चले गए। यहां भी उन्होंने ऑनलाइन पढ़ाई की। वर्ष 2023 में वह चीन चले गए।
पढ़ाई पूरी करने के बाद कर रहे थे इंटर्नशिप
प्रियेश राजपूत की एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी हो गई थी। वह पढ़ाई करने के बाद चीन के हुबेई यूनिवर्सिटी में रहकर इंटर्नशिप कर रहे थे, लेकिन इंटर्नशिप के दौरान ही वह गोलोक को चले गए।
परिवार की खुशियां मातम में बदली
बेटा प्रियेश को लेकर श्रीनिवास के परिवार में काफी खुशी थी। उनका बेटा नौ जनवरी इंटर्नशिप पूरी करने के बाद गांव रामपुर आने का समय सुनिश्चित हो गया था। घर में स्वागत की तैयारियां चल रही थीं, लेकिन 25 दिसंबर की रात ही उनकी मौत हो गई।
चीन में हुआ प्रियेश का अंतिम संस्कार
भारतीय छात्र प्रियेश का अंतिम संस्कार रविवार की सुबह चीन के शियान की हुबेई यूनिवर्सिटी में ही किया। परिजनों को वीडियों कांफ्रेंस के जरिए ही अंतिम संस्कार दिखाया गया। यह देखकर गांव रामपुर में हरकोई अपने आंसू नहीं रोक सका। हरकोई गमजुदा था, हर आंख नम थी। गांव में सन्नाटा पसरा हुआ था। हर आंख टीवी की ओर थी।
दिल्ली से बैरंग लौटे परिजन
प्रियेश के चचेरे भाई सत्यम ने बताया कि सूचना मिलते ही परिजन अंतिम दर्शन करने के लिए रात में ही निकल गए थे, लेकिन दिल्ली पहुंच कर उन्होंने चीन जाने के लिए केंद्र सरकार और विदेश मंत्रालय से भी गुहार लगाई, लेकिन कोई हल नहीं निकला। उन्होंने बताया कि शव वापस लाने के लिए 40- से 45 दिन का प्रोसिस था, परिजन पांच और छह दिन के अंदर शव भारत मांगने की मांग कर रहे थे।
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