बहराइच: कारीकोट में नहीं बनेगा हेलीपैड, पर्यटन विभाग ने किया कैंसिल

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Published By Vishal Singh
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सम्पर्क मार्ग बेहतर न होने से रद्द की निर्माण की योजना

राजू जायसवाल/बहराइच। कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग को लखनऊ और अन्य महानगरों से हवाई सेवा से जोड़ने के लिए कारीकोट गांव में हेलीपैड निर्माण के लिए जमीन चिन्हित की गई थी। लेकिन सड़क मार्ग ठीक न होने के चलते पर्यटन विभाग ने रद्द कर दिया है। अब नए सिरे से जगह की तलाश की जा रही है। लेकिन अभी तक हेलीपेड निर्माण के लिए उपयुक्त जमीन की तलाश नहीं हो सकी है।

प्रदेश सरकार की ओर से पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए दुधवा नेशनल पार्क के साथ कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग को हवाई मार्ग से जोड़ने के लिए कवायद लगभग तीन वर्ष शुरू की थी। जिससे लखनऊ और अन्य महानगरों के पर्यटक कम समय में आसानी से जंगल का भ्रमण हवाई मार्ग से कर सकें। इसका लाभ लखीमपुर जिले के लोगों को मिला है। लखीमपुर खीरी में स्थित दुधवा नेशनल पार्क को पर्यटन सेवा से जोड़ दिया गया है। वहां हवाई यात्रा शुरू कर दी गई है।

इसी तरह जिले में स्थित कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग को भी हवाई मार्ग से जोड़ने के लिए हैलीपेड निर्माण के लिए मोतीपुर तहसील के ग्राम कारीकोट में जमीन चिन्हित की गई थी। लेकिन कारीकोट से जंगल आने जाने तक की सड़क सुविधा बेहतर नहीं है। इसके चलते पर्यटन विभाग ने कारीकोट गांव में हेलीपैड निर्माण कार्य रद्द कर दिया है। ऐसे में अब तहसील प्रशासन की ओर से दूसरे क्षेत्र में हेलीपैड निर्माण के लिए जमीन की तलाश की जा रही है।

उपजिलाधिकारी ने बताया कि कारीकोट गांव जमीन तलाश कर जिला प्रशासन के माध्यम से शासन को भेजा गया था। लेकिन जमीन के आसपास बेहतर मार्ग न होने के चलते हेलीपैड निर्माण नहीं शुरू हुआ। साथ ही जमीन को हेलीपैड निर्माण के लिए उपयुक्त न मानते हुए पर्यटन विभाग ने प्रस्ताव को रद्द कर दिया है। ऐसे में कतर्नियाघाट को हवाई मार्ग से जोड़ने के लिए जिले के लोगों को अभी और इंतजार करना पड़ेगा।

90 बीघा जमीन की है तलाश
उपजिलाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि हेलीपैड निर्माण के लिए 90 बीघा जमीन की तलाश है। पहले के प्रस्ताव को पर्यटन विभाग ने रद्द कर दिया है। ऐसे में इतनी जमीन एक ही स्थान पर हो, इसके लिए तहसील के सभी ग्राम पंचायतों में स्थित जमीन की जांच की जा रही है।

रेवेन्यू विभाग देगा जमीन
कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग को हवाई मार्ग से जोड़ने की कवायद चल रही है। हवाई मार्ग के लिए हेलीपेड निर्माण की जमीन तहसील प्रशासन देगा। मुझे सिर्फ जंगल की दूरी की रिपोर्ट बनाकर भेजनी रहेगी। कारीकोट गांव जंगल से दूर है। जिसकी एनओसी दे दी थी, लेकिन पर्यटन विभाग ने उस जमीन को उपयुक्त नहीं माना है-बी शिव शंकर डीएफओ

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