Lucknow University के कुलपति विदेश में, कैसे पूरी होगी प्रोफेसर के फर्जीवाड़े की जांच...विधायक ने लिखी मुख्यमंत्री को चिट्टी

लखनऊ, अमृत विचार: लखनऊ विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग में अप्लाइड इकोनॉमिक्स में प्रो. विमल जायसवाल के खिलाफ फर्जीवाड़ा कर नौकरी हासिल करने के आरोप के बाद शासन ने जांच कमेटी का गठन किया था। 8 जनवरी को कुलपति डॉ. आलोक कुमार राय के नेतृत्व में गठित कमेटी को 23 जनवरी तक रिपोर्ट सौंप देना था। कुलपति इन दिनों ताजिकिस्तान के दौरे पर हैं, इसलिए जांच समय सीमा में पूरी होने की उम्मीद कम है।
प्रोफेसर विमल जायसवाल के पिता सियाराम जायसवाल भी उसी विभाग में प्रोफेसर और उत्तरप्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग के अध्यक्ष रहे हैं। ऐसे में प्रोफेसर विमल नॉन क्रिमी लेयर की परिधी से बाहर हो जाते हैं। ऐसी में जांच में सुस्ती को लेकर चर्चा है कि इसकी परिधि में विश्वविद्यालय के वह लोग भी आ सकते हैं जो प्रोफेसर की नियुक्ति मामले से जुडे रहे हैं। प्राे विमल पर आरोप है कि उन्होंने अंकों में हेर-फेर और शोध विद्यार्थियों का शोषण किया है। ओबीसी कटेगरी में क्रीमीलेयर की गलत सूचना देकर वर्ष 2005 में सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति पा ली।
विधायक ने लिखा मुख्यमंत्री को पत्र
अयोध्या के गोसाईगंज से विधायक अभय सिंह ने प्रो. विमल की जांच से कुलपति को हटाने के लिए 13 जनवरी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा। 15 जनवरी को प्रमुख सचिव संजय प्रसाद ने जल्द ही प्रकरण की जांच कराने के लिए आगे बढ़ा दिया। पत्र में विधायक ने कुलपति की जगह किसी वरिष्ठ आईएएस अधिकारी से जांच की मांग की है।
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