Kanpur: टीबी मरीजों के साथ पूरे परिवार को लिया जाएगा गोद, पोलियो की तर्ज पर इस वर्ष तक देश होगा टीबी मुक्त...
कानपुर, अमृत विचार। पोलियो की तर्ज पर देश को 2025 के अंत तक टीबी मुक्त किया जाना है। इस लक्ष्य के लिए अब टीबी रोगियों को गोद लेने के साथ समाजिक संस्थाएं उनके परिवार को भी गोद ले सकती हैं।
जिले में 20 हजार से अधिक टीबी मरीज हैं, जबकि सौ से ज्यादा एमडीआर के मरीज हैं। एक टीबी मरीज को ठीक होने में छह से सात माह समय लगता है। कई बार टीबी संक्रमण से बचाव के लिए दी जाने वाली दवाओं से मरीजों को उलझन होने लगती है, जिससे वह नियमित दवा सेवन करना बंद कर देते हैं, इससे टीबी संक्रमण गंभीर होने लगता है और मरीज एमडीआर से ग्रस्त हो जाता है। ऐसे मरीज के परिवार वालों और उससे मिलने वाले लोगों के संक्रमित होने का खतरा अधिक रहता है।
टीबी मरीज दवा सेवन में लापरवाही न बरतें और उनको पोषण युक्त खाद्य सामग्री मिलती रहे, इसके लिए समाजिक संस्थाएं और सरकारी विभाग अब तक 9000 टीबी मरीजों को गोद ले चुके हैं। अब संस्थाओं व सरकारी विभागों से यह अपील की गई है कि वह मरीज के साथ पूरे परिवार को गोद लें। ताकि मरीज के परिवार को भी पोषण प्राप्त हो सके।
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सीएमओ डॉ.हरिदत्त नेमी ने बताया कि इस वर्ष जिले को टीबी मुक्त करने के लिए अभियान का संचालन किया जा रहा है। मरीजों को पोषण में दिक्कत न हो, इसलिए अब उन्हें पांच सौ रुपये की जगह एक हजार रुपये अनुदान में दिए जा रहे हैं। मल्टी ड्रग्स रेसिस्टेंट टीबी (एमडीआर) से ग्रस्त मरीज बीच में दवा छोड़ता है तो उसकी बीमारी जानलेवा बनकर वापस लौटती है, जिसे एक्सट्रीम ड्रग रिजीसटेंट (एक्सडीआर) टीबी कहते हैं।
