बदायूं: पहले तलाक दिया फिर सालों तक किया रेप, अब अदालत ने दिया ये आदेश

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Published By Pradeep Kumar
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कोर्ट ने कोतवाली पुलिस को दिया रिपोर्ट दर्ज करके विवेचना का आदेश

बदायूं, अमृत विचार। एक युवक ने महिला को एक पक्षीय तलाक दिया। महिला ने केस दर्ज किया तो युवक ने समझौता कर लिया। फिर महिला को अपने साथ रखने लगा और दुष्कर्म किया। महिला ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया। जिसपर अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट लीलू चौधरी ने पुलिस को आदेशित किया है कि पीड़ित की रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना करें और 15 दिनों में न्यायालय में आख्या प्रस्तुत करके अवगत कराएं।

कोतवाली सिविल लाइन क्षेत्र निवासी महिला ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर बताया कि उसकी शादी साल 1993 में शहर के मोहल्ला मीरा सराय निवासी नेमचंद्र से हुई थी। शादी के कुछ समय बाद से नेमचंद्र किसी न किसी बहाने से झगड़ने लगा। साल 1996 में बिना सहमति के एक पक्षीय तलाक ले लिया। महिला ने भरण पोषण का केस दायर किया तो उसका पति उसके साथ समझौता करके उसको अपने साथ ले गया और साथ रखने लगा। महिला को आश्वासन दिया कि वह तलाक निरस्त कराकर अपनी पत्नी के रूप में अपना लेगा। कुछ समय व्यतीत होने के बाद भी नेमचंद्र ने तलाक निरस्त नहीं कराया और न ही महिला को उसके परिवार से मिलने दिया। बस यह कहता रहता था कि तलाक तो अदालत का कागज है मैं तो तुझे अपनी पत्नी मानता हूं। इसी विश्वास के कारण साल 2008 तक महिला से संबंध बनाता रहा और दुष्कर्म किया। 

क्योंकि तलाक होने की वजह से महिला उसकी पत्नी नहीं रही थी। जो खुद उसने लिया था। महिला को इसी दौरान एक बेटा हुआ। जब पति की नौकरी जिला पंचायत राज विभाग में लग गई तो उसने फिर से वादनी को घर से निकाल दिया और कहा कि तलाक का आदेश मेरे पास है। अब अपने साथ नहीं रख सकता। महिला के प्रार्थना पत्र में आरोप है कि नेमचंद्र ने उसके बेटे के जन्म प्रमाण पत्र में नाम बदलकर उसकी माता के नाम में किसी और का नाम दर्ज करा दिया है। तब न्यायालय ने मामले का अवलोकन करके गंभीर मानते हुए आदेश किया कि लगता है दो प्रमाण पत्र बनाए गए हैं। यह विवेचना का विषय है। दोनों प्रमाण पत्र एक ही व्यक्ति के है या अलग-अलग व्यक्ति के और इस तथ्य के साथ यह भी जांच होनी चाहिए कि क्या महिला तलाक के बाद विपक्षी के साथ रही है या जो प्रमाण पत्र में नाम लिखा है। विपक्षी ने उससे शादी कर ली है।

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