बरेली: ऐसे अपने पैरों पर खड़े हुए अभिषेक, अब करते हैं हौसले की होम डिलीवरी

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Published By Monis Khan
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इलेक्ट्रिक ट्राईसाइकिल से करते हैं फूड डिलीवरी का काम

बरेली, अमृत विचार। दिव्यांग होने के बाद भी अभिषेक ने हिम्मत नहीं हारी। सिर से माता-पिता का साया उठा तो खुद के पैरों पर खड़े होने की ठान ली। इलेक्ट्रिक ट्राईसाइकिल मिली तो फूड डिलीवरी का काम शुरू कर दिया।

संजय नगर के रहने वाले अभिषेक (18) दोनों पैरों से दिव्यांग हैं। उन्होंने बताया कि अक्टूबर में एक कंपनी ने उन्हें सरकार की ओर से इलेक्ट्रिक ट्राईसाइकिल दी। उनके तहेरे भाई फूड डिलीवरी का कार्य करते हैं। वह भी ये काम करना चाहते थे, मगर दिव्यांगता इसमें आड़े आ रही थी। मगर जब ट्राईसाइकिल आई तो उन्होंने भी फूड डिलीवरी का काम शुरू कर दिया। आज वह एक दिन में चार से पांच फूड डिलीवरी करते हैं। चार महीने से इस काम से जुड़े हैं। एक दिन में दो-तीन सौ रुपये हाथ में आ जाते हैं।

पढ़ाई के साथ छोटे भाई बहनों की फिक्र
अभिषेक 12 वीं में पढ़ते हैं। वह आगे की पढ़ाई भी करना चाहते हैं। कहते हैं कि उन्हें छोटे भाई बहनों की भी देखभाल करनी है। बताया कि छह साल पहले सिर से पिता का साया उठ गया। चार साल पहले मां ने भी इस दुनिया को अलविदा कह दिया। इस समय वह नानी के साथ रह रहे हैं।

 

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