मुरादाबाद : बजट से किसान निराश, बोले- किसानों को कर्जदार बना कर जमीन हड़पना चाहती है सरकार

मुरादाबाद : बजट से किसान निराश, बोले- किसानों को कर्जदार बना कर जमीन हड़पना चाहती है सरकार

मुरादाबाद, अमृत विचार। केंद्रीय बजट से किसानों में निराशा है। वह बजट को दिखावा बता रहे हैं। उनका कहना है कि इस बजट में किसानों के हिस्से में केवल कर्ज आया है। सरकार किसानों को कर्जदार बनाकर उनकी जमीन हड़पना चाहती है। यह तो वही बात हुई जैसे मधुमेह के रोगी को मुक्त में चीनी देना। किसानों व किसान नेताओं ने बजट को झुनझुना बताया।

जो सरकार किसानों के लिए बजट लेकर आई है वह किसानों के हित में नहीं किसानों को कर्ज मुक्त किया जाना चाहिए था। बल्कि किसानों को लोन देने की बात कहकर किसानों की जमीन हड़पना चाहती है सरकार किसानों की हित की सरकार नहीं है। सरकार का यह बजट बड़े बड़े उद्योगपतियों के लिए हितकारी। सरकार का बजट देखकर लगता है कि किसानों फिर से छला गया है। बजट 12 लाख पर टैक्स नहीं देने की बात गलत है बजट के बारे में विस्तृत जानकारी सरकार को देनी चाहिए।-जयवीर सिंह, जिला प्रवक्ता भाकियू टिकैत

सरकार का बजट अमीरों के लिए अमृत काल साबित होगा। किसानों, मजदूरों, गरीबों, दलितों व महिलाओं को झांसा दिया गया। महंगाई, बेरोजगारी और बढ़ेगी, अमीरों का अमृतकाल रहेगा। एमएसपी, आमदनी दोगुनी सम्मान निधि के नाम पर किसानों को फिर ठगा गया। इस बजट से किसान निराश हैं। मनरेगा में 33 फीसदी कटौती, खाद्यान्न पर 86 हजार करोड़ की कटौती, उर्वरकों, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं अन्य जनकल्याण की मदों में कटौती की गई है। महंगाई, बेरोजगारी रोकने के लिए सरकार की ओर से बजट में कुछ नहीं है।-खालिद पाशा, प्रदेश अध्यक्ष, भाकियू तराई

बजट के प्रतिशत दिखाकर आम आदमी व किसानों को सरकार ठग रही है। मध्यम वर्ग के लोगों को भी झांसा दिया जा रहा है। मध्यम वर्ग को बजट समझने की जरूरत है। 12 लाख की आमदनी पर खुशी मनाना धोखे में रहना होगा। किसान एमएसपी गारंटी कानून, सी टू 50 के फार्मूले के अनुसार जीन्सों की कीमत कम करने की मांग थी। परंतु किसानों को सिर्फ इस बजट में कर्ज मिला। जैसे शुगर के रोगी को फ्री चीनी दे दी हो ।-चौधरी यशपाल सिंह मंडल उपाध्यक्ष, भाकियू


इस बजट में किसान क्रेडिट कार्ड की रकम तीन लाख से बढ़ाकर पांच लाख किया गया है, वह फसलों की लागत से काफी कम है। इस रकम को कम से कम 10 लाख करना चाहिए था। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद गारंटी का भी कोई प्रावधान नहीं किया गया। जब किसानों की आमदनी ही सीमित कर दी गई तो टैक्स में छूट की घोषणा करके किसानों का मजाक उड़ाया गया है।-चौधरी संजीव गांधी, प्रभारी पश्चिमी उत्तर प्रदेश भाकियू असली अराजनैतिक

व्यापारियों ने की बजट की तारीफ, कुछ ने बताया गुमराह
मुरादाबाद, अमृत विचार। शनिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बजट पेश किया। इस दौरान महानगर के व्यापारियों और आम लोगों ने बजट को टीवी पर लाइव सुना। महानगर के व्यापारियों और लोगों के अनुसार सरकार ने अच्छा बजट पेश किया है। सभी वर्गों का ध्यान बजट में रखा गया है। खासकर मध्य वर्गीय लोगों को सरकार ने बजट में बड़ी राहत दी है। जबकि कुछ लोगों ने बजट को गुमराह करने वाला बताया है।

12 लाख रुपये तक की सालाना आय करमुक्त होना मध्यम वर्ग की उम्मीद से अधिक है। मोबाइल, इलेक्ट्रिक व्हीकल, एलसीडी पर एक्साइज ड्यूटी की छूट देना, जीवन रक्षक दवाओं पर एक्साइज कम करना, युवाओं को शिक्षा के क्षेत्र में 10000 मेडिकल की सीट एवं 6500 आईआईटी की सीट की बढ़ोतरी, किसानों के क्रेडिट कार्ड को 3 लाख से 5 लाख करना वास्तव में आम जनता को राहत मिली है। इसके लिए वित्त मंत्री का धन्यवाद।-पवन कुमार जैन, व्यापारी


इस बार का बजट मध्यमवर्ग को ध्यान में रखकर बनाया गया है। 12 लाख तक की आय को कर मुक्त करने का प्रस्ताव प्रशंसनीय है। कैंसर की बीमारी से जुड़ी 36 दवाओं को ड्यूटी फ्री करना, एमएसएमई सेक्टर एवं स्टार्टअप की लोन सुविधा को बढ़ाना उद्यमिता को प्रोत्साहित करेगा। परन्तु इन्श्योरेन्स सेक्टर में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश ( एफडीआई ) की अनुमति देना ठीक नहीं है।-डॉ. राजीव कुमार, अखिल भारतीय विचार विभाग प्रमुख, स्वदेशी जागरण मंच

यह बजट विकसित भारत और प्रधानमंत्री के नए और ऊर्जावान भारत के सपने को पूरा करने के संकल्प के लिए है। हर क्षेत्र का समुचित अध्ययन करने के बाद एक नया नक्शा तैयार किया गया है। यह एक समग्र बजट है जो भारत को आगे ले जाएगा और न केवल भारत को आत्मनिर्भर बनाएगा बल्कि इसे विश्वगुरु के रूप में स्थापित करेगा।- अनुज कुमार वार्ष्णेय, व्यवसायी

विकासित भारत का विजन साफ देखने को मिल रहा है। वित्त मंत्री ने बजट में विकसित भारत की नींव रखते हुए इंफ्रास्ट्रक्चर और मेन्युफैक्चरिंग सेक्टर्स के लिए कई बड़े ऐलान किए हैं। इनमें इंफ्रा डेवलपमेंट के लिए राज्यों को बिना ब्याज के 1.5 लाख करोड़ रुपये तक का लोन शामिल है। इससे राज्यों के विकास को गति मिलेगी।- विपिन गुप्ता, व्यापारी

वित्त मंत्री ने मेक इन इंडिया पर जोर देते हुए मेन्युफैक्चरिंग सेक्टर्स के लिए भी बड़े ऐलान किए। उन्होंने खिलौनों के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना लाने का ऐलान किया और टॉय सेक्टर में भारत को ग्लोबल सेंटर बनाने पर जोर दिया। इसके अलावा उन्होंने माइक्रो बिजनेस और एमएसएमई सेक्टर को आगे बढ़ाने का रोडमैप पेश किया है।-अरविंद अग्रवाल, व्यापारी

एससीएसटी की महिलाओं को स्टार्टअप के लिए छूट दी गई, बाकी समाज की महिलाओं का क्या। सरकार केवल इस समाज के वोट बैंक को साधने की कोशिश कर रही है। इस समय देश का किसान सबसे ज्यादा गंभीर अवस्था में है। बजट में सबसे ज्यादा उम्मीद किसानों के लोन माफ के लिए होनी चाहिए थी। कुल मिलाकर बकवास बजट है।-सौरभ ठाकुर, प्रभारी उत्तर प्रदेश, अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा

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