अयोध्या, काशी, मथुरा धार्मिक पर्यटन... दे रहे राज्य को नई पहचान, 65 करोड़ पार हुआ टूरिज्म का आंकड़ा 

अयोध्या, काशी, मथुरा धार्मिक पर्यटन... दे रहे राज्य को नई पहचान, 65 करोड़ पार हुआ टूरिज्म का आंकड़ा 

लखनऊ, अमृत विचार: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उप्र. अपनी ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों के लिए दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है। बीते वर्ष लगभग 65 करोड़ से अधिक पर्यटकों ने राज्य में भ्रमण किया। धार्मिक पर्यटन को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने के लिए राज्य सरकार द्वारा कई योजनाओं को लागू किया गया है, जिससे रोजगार और आर्थिक विकास को गति मिली है।

अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर के निर्माण के बाद से पर्यटकों की संख्या में खासी वृद्धि हुई है। वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर परियोजना ने मंदिर परिसर को सुव्यवस्थित और भव्य बना दिया है, जिससे श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं बेहतर हुई हैं। उक्त तर्ज पर मथुरा-वृंदावन में श्रीकृष्ण जन्मभूमि क्षेत्र को विकसित किया जा रहा है, जिससे न केवल स्थानीय व्यापार को बढ़ावा मिला है, बल्कि रोजगार के अवसर भी प्राप्त हुए हैं। सरकार ने इन क्षेत्रों में सड़क, परिवहन, रुकने की सुविधाएं और सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं।

पर्यटन हब बना उप्र.

उप्र. पर्यटन हब बन चुका है। प्रयागराज का संगम, चित्रकूट, कुशीनगर और अन्य ऐतिहासिक धरोहरों को राज्य सरकार द्वारा कराए गए विकास से नई पहचान मिल रही हैं। पर्यटन के बढ़ने से प्रदेश में होटल, गाइड, ट्रांसपोर्ट, हस्तशिल्प और अन्य स्थानीय व्यवसायों को जबरदस्त लाभ मिला है। पर्यटन स्थलों के विकास से युवा उद्यमियों और स्टार्टअप्स को भी नए अवसर प्राप्त हो रहे हैं।

स्वदेश दर्शन-2 योजना का लाभ

केंद्र सरकार की स्वदेश दर्शन-2 योजना अंतर्गत नैमिषारण्य, प्रयागराज और महोबा को चुना गया है। नैमिषारण्य और प्रयागराज के विकास के लिए धनराशि स्वीकृत हो चुकी है जबकि महोबा के लिए शीघ्र स्वीकृति मिलने की संभावना है। धार्मिक पर्यटन से लेकर ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों के विकास तक, राज्य एक ग्लोबल टूरिज्म हब बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

बौद्ध सर्किट को मिल रही प्राथमिकता

केंद्रीय बजट 2025-26 में देश के सर्वश्रेष्ठ 50 पर्यटन स्थलों के विकास की घोषणा की गई है। इममें उप्र. को विशेष लाभ मिला है। बौद्ध सर्किट, जिसमें कुशीनगर, संकिसा, श्रावस्ती, सारनाथ, कपिलवस्तु, कौशांबी जैसे स्थल शामिल हैं। सरकार ने बौद्ध तीर्थयात्रियों के लिए विश्राम गृह, सड़कों का नवीनीकरण, अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं और डिजिटल गाइड सिस्टम जैसी योजनाएं बनाई हैं।

आर्थिक और रोजगार वृद्धि में योगदान

पर्यटन स्थलों पर होटलों, रेस्टोरेंट, ट्रांसपोर्ट, गाइड सेवाओं, हस्तशिल्प और लोकल बिजनेस को बढ़ावा मिल रहा है। विशेष रूप से महिला उद्यमियों को सरकार की योजनाओं का लाभ मिल रहा है। राज्य सरकार स्थानीय कलाकारों और कारीगरों को भी प्रोत्साहित कर रही है।

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