यूपी बोर्ड : Paali Bhasha के परीक्षार्थियों के लिए खुशखबरी,अब पढ़नी होगी  एक पुस्तक

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Published By Vinay Shukla
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Pratapgarh Amrit Vichaar : यूपी बोर्ड परीक्षा में इस वर्ष शामिल होने वाले पालि भाषा के परीक्षार्थियों के लिए एक अच्छी खबर है। अब उन्हें पाठ्यक्रम पूरा करने के लिए ढेर सारी किताबों में माथापच्ची करने की जरूरत नहीं है। हाईस्कूल और इंटर में एक ही किताब पढ़नी होगी। जिससे वह अच्छे नंबर ला सकते हैं। 

जनपद के प्रतिष्ठित चिकित्सक डा.शिव मूर्ति लाल मौर्य की अगुवाई में सम्राट हर्ष वर्धन बौद्ध विहार अरैल नैनी प्रयागराज के भंते आचार्य मनीष वर्धन और आचार्य नीतेश वर्धन भंते ने दोनो किताबों को लिखा है। पालि भाषा भारत की प्राचीनतम प्रामाणिक जन भाषा है। हालांकि नए दौर में इस भाषा को जानने और पढ़ने की इच्छा रखने वाले बहुत ही कम लोग रह गए हैं। यूपी बोर्ड ने इसे अपने पाठ्यक्रम में रखा है। लेकिन पूरे प्रदेश से करीब दो सौ की संख्या में ही छात्र इसकी परीक्षा देते हैं। इसके लिए उन्हें पूरा पाठ्यक्रम एक किताब से नहीं मिलता है।

कई किताबों को पढ़ने में उन्हें काफी दिक्कतें आती हैं। इसलिए तैयारी भी आधी अधूरी रह जाती है। डा.शिव मूर्ति लाल की टीम ने पिछले वर्ष हाई स्कूल के परीक्षार्थियों के लिए एक पुस्तक लिखी थी। जिसमें कई किताबों के पाठ्यक्रम शामिल थे। इस वर्ष उसका परिमार्जन किया गया है। इसी के साथ इंटर के छात्रों के लिए पालि भाषा की नई पुस्तक लिखी गई है। दोनो का प्रकाशन अरैल नैनी से सौजन्य से  किया गया।

यूपी बोर्ड परीक्षा में शामिल होंगे 400 परीक्षार्थी

बोर्ड परीक्षा में उत्तर प्रदेश से पालि भाषा में बैठने वाले लोगों की संख्या करीब 200 के आसपास होती है। पिछले दो वर्षों में इस विषय की परीक्षा देने वालों की संख्या में आश्चर्य जनक वृद्धि हुई। इसका श्रेय जिले के वरिष्ठ रेडियोलॉजिस्ट व सामाजिक कार्यकर्ता डा. शिव मूर्ति लाल मौर्य को है। उनके प्रयास से करीब 400 परिक्षार्थी हाईस्कूल और इंटर की परीक्षा देने जा रहे हैं। जिसमें प्रतापगढ़ के काफी छात्र शामिल हैं।निदेशक बौद्ध कम्यून इंटरनेशनल सम्राट हर्ष वर्धन विहार अरैल नैनी के प्रबंध निदेशक डा.जी.एस.शाक्य  पुस्तक के प्रकाशन का श्रेय डा. शिव मूर्ति लाल मौर्य को देते हैं। उनका कहना है कि शिव मूर्ति लाल ने पाठ्यक्रम को सरल बनाने और पुस्तक के प्रकाशन में योगदान किया है।

बहुत ही उपयोगी साबित होगी किताब : डा.शिव मूर्ति

पालि भाषा की दोनो किताबों में गागर में सागर भरने वाले बौद्ध कम्यून इंटरनेशनल प्रतापगढ़ के संरक्षक डा.शिव मूर्ति लाल मौर्य ने इसका श्रेय भंते मनीष वर्धन और नीतेश वर्धन को देते हैं। कहा कि दोनो किताबें परीक्षार्थियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं होंगी। कई किताबों के अंश को संकलित कर  एक किताब लिखी है जो बहुत ही उपयोगी साबित होगी।

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